अजित पवार ने निकाय चुनावों के नाम पर अकेले चलने का किया इशारा, महायुति में सब ठीक?
क्या महाराष्ट्र के महायुती गठबंधन में सब ठीक है? दरअसल महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार ने एक बयान दिया है कि प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में महायुती के घटक अलग अलग चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-07-22 03:58 GMT
Maharashtra Politics: क्या महाराष्ट्र के महायुती गठबंधन में सब ठीक है? क्या आने वाले विधानसभा चुनाव तक महायुती के सभी घटक एक दूसरे के साथ ऐसे ही बने रहेंगे? ये कुछ सवाल अजित पवार के एक बयान के बाद खड़े हुए हैं? दरअसल महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार ने एक बयान दिया है कि प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में महायुती के घटक अलग अलग चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है. हालाँकि उन्होंने ये बात सिर्फ निकाय चुनाव के लिए कही है लेकिन राजनितिक गलियारों में उनके इस कथन के अलग अलग मायने निकले जा रहे हैं.
पिंपरी चिंचवाड़ में कही ये बात
रविवार को पिंपरी चिंचवाड़ शहर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( राकांपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि स्वतंत्र चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं को मजबूती मिलेगी. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि उनके नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत महायुति के घटक दल स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.
हालांकि, उन्होंने इसके साथ ये भी स्पष्ट किया कि हम लोकसभा और राज्य विधानसभा में सहयोगी हैं, लेकिन महायुति के सदस्य स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं."
स्थानीय निकायों, जिनमें नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत और जिला परिषद शामिल हैं, के चुनावों का कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं.
आरएसएस उठा चुका है राकांपा और भाजपा के गठबंधन पर सवाल
उल्लेखनीय है कि स्थानीय निकाय चुनाव में अकेले उतरने का अजित पवार का बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ दिन पहले ही आरएसएस से जुड़े एक मराठी साप्ताहिक ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के भाजपा के साथ गठबंधन को भगवा पार्टी के खिलाफ प्रतिकूल जनभावनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया था, जिसके कारण महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार हुई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा सदस्यों और अन्य व्यक्तियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन करने के पार्टी के फैसले पर अस्वीकृति व्यक्त की थी, जो जुलाई 2023 में राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में सहयोगी बनी.
बहन ने लगाया चाचा के अपमान का आरोप
इस बीच, अजित पवार ने उस आरोप को सिरे से नकार दिया है, जो उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने ये कहते हुए लगाया था कि अजित पवार ने अपने चाचा और राज्यसभा सदस्य शरद पवार को शनिवार को पुणे जिला योजना एवं विकास समिति (डीपीडीसी) की बैठक में बोलने नहीं दिया था.
शरद पवार की बेटी, अजित पवार की चचेरी बहन और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया था कि अजित पवार ने बैठक में उनके पिता द्वारा विकास निधि के वितरण के बारे में सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने दावा किया था कि अजित पवार ने एक जीआर (सरकारी प्रस्ताव) का हवाला दिया था और कहा था कि सांसद और विधायक इन बैठकों के दौरान फंड वितरण के बारे में सवाल नहीं पूछ सकते या वोट नहीं दे सकते, क्योंकि वे केवल आमंत्रित सदस्य हैं. शरद पवार ने राज्यसभा सदस्य के तौर पर बैठक में भाग लिया था.
इस आरोप पर अजित पवार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, "सुप्रिया सुले ने कल दावा किया कि मैंने पवार साहब का अपमान किया है. मैं ऐसे व्यक्ति के साथ ऐसा कैसे कर सकता हूं, जिसका मैं बहुत सम्मान करता हूं." उन्होंने आरोप लगाया कि सुले का बयान गलतफहमी पैदा करने और सहानुभूति हासिल करने के उद्देश्य से दिया गया है.
अमित शाह से की मुलाकात
अजित पवार ने कहा कि उन्होंने और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार रात पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और विकास संबंधी मुद्दों पर चर्चा की. रविवार को पुणे में भाजपा सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी के नेतृत्व वाले महायुती गठबंधन को भारी जनादेश देने का आह्वान किया.
पिंपरी चिंचवाड़ और अजित पवार के दूसरे के पर्याय
अजित पवार ने ये भी कहा कि पिंपरी चिंचवाड़ उनके नाम का पर्याय है. उन्होंने शरद पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा, "पिंपरी चिंचवाड़ का मतलब अजित पवार है और अजित पवार का मतलब पिंपरी चिंचवाड़ है. इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता." पवार ने टाउनशिप के विकास का श्रेय लिया था.
शनिवार को पिंपरी चिंचवाड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, "हमारी सरकार ने पिंपरी चिंचवाड़ की सूरत बदल दी है. यह छोटे-छोटे गांवों का समूह हुआ करता था। हम यहां आईटी सेक्टर लेकर आए, हमने यहां युवाओं को नौकरियां दीं." अजित पवार ने कहा कि स्थानीय निकायों के चुनाव जब भी होंगे, समाज के सभी वर्गों से "नए और पुराने चेहरे" मैदान में उतारे जाएंगे.
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)