सरकार के कब्जे में जा सकती है हजारों करोड़ की संपत्ति, सैफ से क्या है नाता

भोपाल की पटौदी हाउस की संपत्ति पर मध्य प्रदेश सरकार का कब्जा हो सकता है। हालांकि अदालत से;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-01-22 03:01 GMT
सरकार के कब्जे में जा सकती है हजारों करोड़ की संपत्ति, सैफ से क्या है नाता
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Saif Ali Khan Property News:  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सैफ अली खान की हजारों करोड़ की पैतृक संपत्ति है। लेकिन वो संपत्ति उनके हाथ से निकल सकती है। मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने एक बड़े फैसले में 2015 की रोक को हटा लिया है जिसके बाद 15 हजार करोड़ की संपत्ति पर राज्य सरकार का कब्जा हो सकता है। एनमी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत मुकदमा चल रहा था। इन संपत्तियों में फ्लैग स्टॉफ हाउस (सैफ का बचपन बीता था), नूर -उस- सबा पैलेस, दार-उ-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैवेस, कोहइफिजा शामिल है।

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने फैसला देते हुए कहा कि अमेंडेड एनमी प्रॉपर्टी एक्ट 2017 में संबंधित पक्ष को अपनी बात कहने का अधिकार है। संबंधित पक्ष 30 दिन के अंदर याचिका दायर कर सकते हैं।

अदालत ने कहा, "अगर आज से 30 दिनों के भीतर कोई अभ्यावेदन दायर किया जाता है, तो अपीलीय प्राधिकारी सीमा के पहलू पर ध्यान नहीं देगा और अपील को उसके गुण-दोष के आधार पर निपटाएगा।" शत्रु संपत्ति अधिनियम केंद्र सरकार को विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए व्यक्तियों के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर दावा करने की अनुमति देता है।

भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की तीन बेटियां थीं। उनकी सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गईं। दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में रहीं, उन्होंने नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की और कानूनी वारिस बन गईं। साजिदा के पोते सैफ अली खान को संपत्ति का एक हिस्सा विरासत में मिला। हालांकि, आबिदा सुल्तान का प्रवास सरकार के लिए "शत्रु संपत्ति" के रूप में संपत्तियों पर दावे का केंद्र बिंदु बन गया। 2019 में, अदालत ने साजिदा सुल्तान को कानूनी वारिस के रूप में मान्यता दी, लेकिन हाल के फैसले ने परिवार के संपत्ति विवाद को फिर से हवा दे दी।

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पिछले 72 वर्षों में इन संपत्तियों के स्वामित्व रिकॉर्ड की जांच करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन जमीनों पर रहने वाले व्यक्तियों को राज्य के लीजिंग कानूनों के तहत किरायेदार माना जा सकता है।संभावित सरकारी अधिग्रहण ने 1.5 लाख निवासियों को चिंता में डाल दिया है। कई लोगों को बेदखली का डर है क्योंकि सरकार सर्वेक्षण करने और स्वामित्व निर्धारित करने की योजना को आगे बढ़ा रही है।

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