बाबरी विवाद | सपा की महाराष्ट्र इकाई भाजपा की 'बी टीम' जैसी है: आदित्य ठाकरे

शुक्रवार को महाराष्ट्र सपा के अध्यक्ष अबू आज़मी ने शिवसेना के एमएलसी मिलिंद नार्वेकर की एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सवाल उठाए थे। शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) की महाराष्ट्र इकाई को भाजपा की "बी टीम" करार दिया है।;

Update: 2024-12-08 15:50 GMT

Clash In MVA: शिवसेना ( UBT ) पर आरोप लगाते हुए MVA से किनारे करने के समाजवादी पार्टी के कदम पर अब उद्धव गुट की शिवसेना की प्रतिक्रिया सामने आई है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) की महाराष्ट्र इकाई को भाजपा की "बी टीम" करार दिया है। यह बयान सपा के महाराष्ट्र प्रमुख अबू आज़मी के उस बयान के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने शिवसेना पर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर निशाना साधा था।


क्या है विवाद?
शुक्रवार को महाराष्ट्र सपा के अध्यक्ष अबू आज़मी ने शिवसेना के एमएलसी मिलिंद नार्वेकर की एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सवाल उठाए थे। पोस्ट में 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस की प्रशंसा की गई थी। इसके बाद आज़मी ने कहा, "अगर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में कोई ऐसी भाषा बोलता है, तो भाजपा और शिवसेना में क्या अंतर है? हमें उनके साथ क्यों रहना चाहिए?"
आज़मी के बयान ने एमवीए के भीतर मतभेद को उजागर कर दिया, जो शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और सपा का गठबंधन है।

आदित्य ठाकरे का पलटवार
रविवार को संवाददाताओं से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने सपा की राज्य इकाई पर भाजपा की "बी टीम" की तरह काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कभी-कभी सपा की महाराष्ट्र इकाई भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाती दिखती है। हालांकि, अखिलेश यादव जी भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन हालिया चुनावों में सपा की राज्य इकाई ने किसकी मदद की, यह किसी से छिपा नहीं है।"
उन्होंने अपनी पार्टी के हिंदुत्व की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा, "हमारा हिंदुत्व सर्वसमावेशी है। भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास' की बात करती है, लेकिन हम इसे जमीन पर लागू करते हैं। उद्धव ठाकरे सभी समुदायों को साथ लेकर चलते हैं, और महाराष्ट्र के लोगों ने इसे देखा है।"

MVA के लिए नई चुनौती
सपा और शिवसेना (यूबीटी) के बीच इस विवाद ने महा विकास अघाड़ी के भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। सपा के प्रमुख नेता अबू आज़मी ने एमवीए से बाहर होने की संभावना भी जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। एमवीए, जो राज्य में भाजपा और शिंदे गुट के खिलाफ एकजुट है, आंतरिक मतभेदों से कमजोर पड़ता दिख रहा है। वहीँ शिवसेना (यूबीटी) ने जिस तरह से रुख अपनाया है, उससे ये स्पष्ट प्रतीत होता है कि वो अपनी हिंदुत्ववादी छवि को बरकरार रखते हुए सर्वसमावेशी राजनीति की बात कर रही है, जबकि सपा ने सांप्रदायिक मुद्दों पर स्पष्ट रुख अपनाने की कोशिश की है। हालाँकि NCP(शरद पवार ) के अध्यक्ष शरद पवार ने इस विवाद को शांत करने का प्रयास किया है।


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