यह समझ से बाहर है ममता क्यों कर रही थीं पदयात्रा, निर्भया की मां ने उठाए सवाल

कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस पर निर्भया की मां ने कहा कि उनके समझ में यह बात नहीं आई कि ममता बनर्जी ने पदयात्रा क्यों की।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-08-18 04:47 GMT

Mamata Banerjee Padyatra:  कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में सिर्फ एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच अब सीबीआई के हवाले है। लेकिन उससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पदयात्रा निकाली थी। उस पदयात्रा का मकसद सीबीआई जांच की प्रगति से था। हालांकि सवाल यह है कि जिस ममता बनर्जी की सरकार ने पांच दिन की जांच में सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार कर सकी वो सीबीआई की एक दिन की जांच में नतीजे की उम्मीद कर रही थी। लोग भी ममता बनर्जी के पदयात्रा को देख कर हैरत में आ गए। लोगों का सवाल था कि उनके पास स्वास्थ्य और गृह दोनों महकमा है तो पदयात्रा किसके खिलाफ कर रही थीं।

कटाक्ष के साथ ममता से सवाल
इस मामले पर निर्भया की मां ने कटाक्ष किया और सवाल खड़े किए। निर्भया की मां आशा देवी, ममता बनर्जी से सवाल भी करती है। उनके मुताबिक सबसे बड़ी बात यह कि सरकारें एक दूसरे पर आरोप लगी हैं, अच्छा होता कि इस विषय पर लोग मिलजुल कर काम करते। अब ममता बनर्जी को ही लीजिए, उनके पास स्वास्थ्य, गृह महकमा है उन्हें यह बात समझ में नहीं आ रही है कि किसके खिलाफ वो प्रदर्शन कर रही है और किससे मौत की सजा की मांग कर रही हैं। कानून उनके हाथ में है. सरकार सही तरीके से इस केस को कम से कम निचली अदालत तो ले जा सकती है। जब कहीं और कभी इस तरह के मामले सामने आते हैं निर्भया के नाम की चर्चा होने लगती है। लेकिन उससे हमने क्या सीखा है, हमारे सिस्टम में क्या बदलाव हुआ है।

उस बेटी के साथ जो हुआ, अगर एक से अधिक लोग हैं, तो सभी आरोपियों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए...उन्हें तुरंत सजा मिलनी चाहिए...अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लड़की के साथ किसी एक व्यक्ति ने मारपीट की या गैंगरेप किया...एक डॉक्टर के साथ इतना घिनौना अपराध तब हुआ जब वह अस्पताल में ड्यूटी पर थी...अगर डॉक्टर ही अस्पताल के अंदर सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाओं और लड़कियों के बारे में हम क्या सोच सकते हैं"

मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कुछ किया गया है, कानून जरूर बनाए गए लेकिन कोई काम नहीं हुआ। निर्भया के दोषियों को 2020 में फांसी दी गई लेकिन उससे पहले और बाद में इतनी सारी घटनाएं हुईं न्याय किसको मिला? घटनाएं रोज हो रही हैं अगर आप दोषियों को सजा नहीं देंगे और उन्हें जेल में नहीं डालेंगे और उन्हें खाना नहीं खिलाएंगे और उनकी जरूरतों का ख्याल नहीं रखेंगे तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी? जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, जब तक फास्ट ट्रैक कोर्ट में काम नहीं होगा और जब तक बनाए गए कानूनों पर काम नहीं होगा तब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी और महिलाएं सुरक्षित नहीं रहेंगी।

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