चुनाव से पहले नीतीश कुमार का जनहित पैकेज, 'आशा-ममता' को सौगात

बिहार सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही 125 यूनिट मुफ्त बिजली, महिला आरक्षण नीति व सफाईकर्मी आयोग जैसे बड़े ऐलान किए गए।;

Update: 2025-07-30 06:05 GMT

जब सरकारें एक के बाद एक ऐलान करने लगें तो समझिए की चुनाव आने वाला है। बिहार सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय को बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को अब प्रति माह 1,000 रुपये की बजाय 3,000 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जबकि ममता कार्यकर्ताओं को एक प्रसव के लिए 300 रुपये की बजाय 600 रुपये की राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि नवंबर 2005 में सरकार गठन के बाद से ही हमने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु निरंतर प्रयास किए हैं। आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बात को ध्यान में रखते हुए और उनके योगदान को सम्मान देते हुए, उनकी प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह निर्णय आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूती देगा।

विधानसभा चुनाव से पहले जनकल्याण की घोषणाएं

साल के अंत में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार जनकल्याण से जुड़ी घोषणाएं कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत मान्यता प्राप्त पत्रकारों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की है।इसके साथ ही, राज्य सरकार ने नई स्थानीय निवास नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण अब केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही मिलेगा।

बिजली, सफाईकर्मियों और जनहित योजनाओं पर ध्यान

बिहार सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा की है। वहीं, रविवार को राज्य कैबिनेट ने राज्य सफाईकर्मी आयोग के गठन को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य सफाईकर्मियों के अधिकारों की रक्षा करना, उनके पुनर्वास, सशक्तिकरण और सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना है।मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं को आगामी चुनाव से पहले जनता को साधने और सामाजिक सुरक्षा जाल को और मजबूत करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

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