बिहार में रसोइयों को राहत, रात्रि प्रहरियों को सम्मान, मानदेय में भारी इजाफा

बिहार सरकार ने चुनाव से पहले रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और अनुदेशकों का मानदेय दोगुना कर दिया है। बता दें कि सालों से ये कर्मचारी मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे।;

Update: 2025-08-01 05:36 GMT

बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में भारी इजाफे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने स्वयं एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट साझा कर इस फैसले की जानकारी दी।

रसोइयों को अब मिलेगा दोगुना मानदेय

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय अब 1650 रुपये से बढ़ाकर 3300 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। यह वृद्धि लंबे समय से लंबित मांगों को ध्यान में रखते हुए की गई है और इससे हजारों रसोइयों को सीधा लाभ मिलेगा।

रात्रि प्रहरियों की सैलरी भी दोगुनी

इसी कड़ी में माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में तैनात रात्रि प्रहरियों के मानदेय को भी 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इस फैसले से स्कूल परिसरों की सुरक्षा में लगे कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी।

अनुदेशकों के लिए बेहतर वेतन और वार्षिक वृद्धि

नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में बताया कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मासिक मानदेय 8,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये किया गया है। इसके साथ ही उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि भी 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है। सरकार का मानना है कि इससे इन कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक जोश व समर्पण के साथ कार्य करेंगे।

आशा और ममता कार्यकर्ताओं को पहले ही मिल चुकी राहत

इससे पहले सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये और ममता कार्यकर्ताओं की प्रति प्रसव राशि को 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया था। यह निर्णय लंबे समय से इन कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही मानदेय वृद्धि की मांग को देखते हुए लिया गया।

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