क्या नीतीश के बेटे बनेंगे उनके उत्तराधिकारी?

नीतीश कुमार की पार्टी JDU को नीतीश के उत्तराधिकारी का सवाल ज्यादा बेचैन कर रहा है। पटना में JDU दफ्तर के बाहर फिर नीतीश के बेटे निशांत कुमार के पोस्टर लगे हैं।;

Update: 2025-03-15 13:28 GMT
क्या नीतीश के बेटे बनेंगे उनके उत्तराधिकारी?
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इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में क्या होगा, इससे भी बड़ा सवाल इन दिनों ये बना हुआ है कि आखिर नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी कौन होगा? JDU में नीतीश कुमार के बाद कमान किसके हाथ में होगी? 

ऐसे सवाल नीतीश कुमार की खराब सेहत पर उठते सवालों और जेडीयू में अब तक उनका उत्तराधिकारी तय नहीं हो पाने की वजह से उठ रहे हैं। 

नीतीश को लेकर सवाल क्यों?

नीतीश कुमार कई बरसों से बिहार की राजनीति का केंद्र बिंदु रहे हैं।  उनकी उम्र अब 74 साल हो गई है। लेकिन बिहार में चुनावी साल में उनकी सेहत से जुड़ी चिंतायें जेडीयू की भी अंदरखाने परेशान कर रही हैं। उन चिंताओं को पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भी हवा दे रहे हैं। 

तेजस्वी यादव ने हाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म-एक्स पर लिखा- "माननीय मुख्यमंत्री जी की गिरती मानसिक स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री जी प्रतिदिन महिला जनप्रतिनिधियों से तुम-ताम, तू-तड़ाक की भाषा के साथ-साथ असंसदीय, आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी करते रहते हैं। 

सदन में बैठे-बैठे अजीबोगरीब इशारे करते रहते है। साथ बैठे उत्तर दे रहे मंत्रियों को छू रहे होते है। क्या इतने महत्त्वपूर्ण पद पर बैठे मानसिक रूप से स्वस्थ मुख्यमंत्री ऐसा करेंगे? हम उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करते है।"

जाहिर है, तेजस्वी यादव नीतीश कुमार की सेहत के मसले को पब्लिक तक इसलिए पहुंचा रहे हैं ताकि इस साल होने वाले बिहार विधानसभा के चुनाव में नेतृत्व के सवाल को बड़ा बनाया जा सके। वो जितना इस मुद्दे को तूल देते रहेंगे, जेडीयू के लिए चिंता गहराती जाएगी।

ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या जेडीयू में दूसरा ऐसा कद्दावर नेता नहीं है जोकि नीतीश कुमार की जगह ले सकता है? या जिन्हें नीतीश कुमार अपना उत्तराधिकारी बना सकते हैं?

जेडीयू में नंबर दो कौन? 

इस बिंदु की पड़ताल करते हुए कुछ चेहरे नजर आते हैं जिन्हें कि जेडीयू के भीतर नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है। इनमें एक हैं जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा। दूसरे हैं अशोक चौधरी और तीसरे हैं विजय कुमार चौधरी ।

लेकिन इन तीनों के साथ एक बात कॉमन है और वो ये कि ये तीनों ही मूल रूप से जेडीयू के अपने नेता नहीं हैं। ये तीनों दूसरी पार्टियों से जेडीयू में आए है। संजय झा बीजेपी से जेडीयू में आए तो वहीं अशोक चौधरी और विजय कुमार चौधरी कांग्रेस से जेडीयू में पहुंचे हैं। इसलिए इनमें से किसी एक का नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी बन पाना शायद संभव न हो।

जेडीयू के भीतर लीडरशिप के इसी वैक्यूम के बीच एक चर्चा बड़ी तेज हुई है और उसमें नाम आता है नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का।

निशांत कुमार की चर्चा क्यों?

निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री की चर्चायें खुद जेडीयू के भीतर से ही उठी हैं। इन चर्चाओं का सबसे बड़ा आधार बने हैं वो पोस्टर जोकि पटना में JDU दफ्तर के बाहर लगाए गए हैं। होली के दिन 14 मार्च को ऐसे पोस्टरों की एक नई खेप JDU दफ्तर के बाहर की दीवारों पर चिपकी हुई दिखी।

इन पोस्टरों की इबारत को पढ़कर जेडीयू के भीतर नीतीश के उत्तराधिकारी को लेकर गहरा रही चिंता को भी पढ़ा जा सकता है। जैस एक पोस्टर में लिखा है, 'बिहार की जनता करे पुकार, निशांत का राजनीति में है स्वागत।'  एक अन्य पोस्टर में लिखा है, 'जेडीयू के लोग करें पुकार, पार्टी में शामिल होइए निशांत कुमार।'

जाहिर है, जेडीयू के नेता अब नीतीश की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए उनके बेटे निशांत कुमार की तरफ बहुत उम्मीद भरी नजर से देख रहे हैं। लेकिन निशांत के साथ दिक्कत ये है कि वो अभी तक राजनीति में औपचारिक तौर पर दाखिला ही नहीं ले पाए हैं।

निशांत कुमार की पृष्ठभूमि

नीतीश के बेटे निशांत की बैकग्राउंड इंजीनियरिंग की हैं। 49 साल की उनकी उम्र बताई जा रही है। इतने साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद नीतीश कुमार ने अपने बेटे निशांत कुमार को कभी आगे नहीं किया। वो सार्वजनिक तौर पर कम ही दिखाई दिए हैं। 

एक राजनीतिक परिवार में पले-बढ़े होने की वजह से हो सकता है कि वो राजनीति का ककहरा घर में ही सीख गए हों, लेकिन उन्होंने राजनीति में एंट्री की कभी इच्छा भी नहीं जताई।इसके बावजूद जेडीयू के नेता उन्हें पार्टी में शामिल कराने और नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी बनाने को लेकर लालायित दिख रहे हैं। 

वैसे राजनीति में कभी भी, कुछ भी संभव है और नीतीश कुमार स्वयं इसके उदाहरण हैं। इसलिए निकट भविष्य में नीतीश के उत्तराधिकारी के तौर पर निशांत की राजनीति में एंट्री हो जाए तो चौंकना नहीं चाहिए।क्या नीतीश के बेटे बनेंगे उनके उत्तराधिकारी?

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