पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का श्रेय भारतीय तकनीक और ‘मेक इन इंडिया’ को दिया
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से लेकर ‘टेक आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न तक, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक की प्रतिभा और नए भारत के निर्माण में उसकी भूमिका की सराहना की।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (10 अगस्त) को कहा कि भारतीय तकनीक और ‘मेक इन इंडिया’ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे रही, जिसने कुछ घंटों में पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया।
बेंगलुरु में ‘नेक्स्ट-जेन मोबिलिटी फॉर ए नेक्स्ट-जेन सिटी’ कार्यक्रम में भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का नया चेहरा देखा, जब भारत ने पाकिस्तान के अंदर गहराई में स्थित आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
मोदी ने कहा, “दुनिया ने पहली बार भारत का नया रूप ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा, जहां भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर कई किलोमीटर अंदर स्थित आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट करने की क्षमता दिखाई और कुछ ही घंटों में पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। हमारे तकनीकी कौशल और ‘मेक इन इंडिया’ की ताकत के कारण ही ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि बेंगलुरु और यहां के युवाओं ने इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई।
मोदी ने कहा, “बेंगलुरु एक नए भारत के उदय का प्रतीक बनकर उभर रहा है—एक ऐसा शहर जिसने देश का झंडा वैश्विक आईटी मानचित्र पर मजबूती से गाड़ा है। बेंगलुरु की सफलता की कहानी के पीछे यहां के लोगों की मेहनत और प्रतिभा है।”
आत्मनिर्भर दृष्टि को आगे बढ़ाना
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें ‘मेक इन इंडिया’ पहल में बेंगलुरु और कर्नाटक की भागीदारी को बढ़ाना होगा। हमारे उत्पाद ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ मानकों पर खरे उतरें, अर्थात वे बिना किसी दोष के हों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना तैयार किए जाएं। मुझे विश्वास है कि कर्नाटक की प्रतिभा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की इस दृष्टि का नेतृत्व करेगी।”
उन्होंने कहा, “हमारी अगली प्राथमिकता ‘टेक आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण होनी चाहिए… यह समय भारत की जरूरतों पर ज्यादा ध्यान देने और नए उत्पादों के विकास की गति तेज करने का है।”
मोदी ने कहा कि अब डिजिटल समाधान हर गांव तक पहुंच चुके हैं और भारत विश्व के रीयल-टाइम लेनदेन का 50% से अधिक यूपीआई के माध्यम से करता है। उन्होंने कहा, “तकनीक सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी को कम करने में मदद कर रही है। हम एआई-संचालित खतरे की पहचान जैसी नवाचारों में भी निवेश कर रहे हैं ताकि डिजिटल क्रांति के लाभ समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचें। इस मिशन में बेंगलुरु सक्रिय भूमिका निभा रहा है।”