दिल्ली की भाजपा सरकार की क्या है तैयारी
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छठ पर्व के लिए बाकायदा एक कमिटी का गठन किया, जिसकी बागडोर मंत्री कपिल मिश्रा के हाथ में सौंपी गयी और ये भी दावा किया गया कि इस बार छठ का महापर्व यमुना नदी में ही मनाया जायेगा. इसका अर्थ यही हुआ कि दिल्ली सरकार ये दर्शाना चाह रही है कि यमुना की सफाई को लेकर वो बहुत गंभीर है और छठ व्रतियों के लिए यमुना को ऐसा बनाया जायेगा कि वो बगैर किसी झिझक के यमुना के जल में खड़े होकर भगवन सूर्य को अर्घ्य दे पायें. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपना एक विडियो भी साझा किया, जो कालिंदीकुंज में यमुना किनारे बनाया गया है. मुख्यमंत्री इस विडियो में बता रही हैं कि डीफॉर्मर केमिकल का इस्तेमाल करते हुए झाग को खत्म किया जा रहा है. डीफॉर्मर से किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं है, लैब टेस्टेड है. पानी के जीव जंतुओं को भी इससे कोई नुक्सान नहीं है. दिल्ली सरकार ने ये भी दावा किया है कि उनका प्रयास है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा लोग यमुना नदी के घाट पर पहुँच कर ये महापर्व मनाएं. साथ ही ये भी कहा गया है कि इस दौरान यमुना में झाग पैदा न हो, इसके लिए दिल्ली सरकार तत्परता से काम कर रही है.
आप ने क्या आरोप लगाया
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की वर्तमान भाजपा सरकार पर एक गंभीर आरोप लगाया है. इसके लिए आप की तरफ से बाकायदा सोशल मीडिया पर एक विडियो डाला गया है. ये विडियो दो भागों में है. बायीं तरफ 22 अक्टूबर 2022 का विडियो है, जिसमें भाजपा नेता व तत्कालीन सांसद प्रवेश वर्मा यमुना किनारे मौजूद हैं और दिल्ली सरकार के एक अधिकारी को फटकार लगा रहे हैं, उससे बदतमीजी से तू तड़ाक से बात कर रहे हैं. दरअसल यमुना नदी में झाग को ख़त्म करने के लिए एक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है और प्रवेश अधिकारी को कह रहे हैं कि ये ज़हर यमुना नदी में क्यों डाला जा रहा है. आठ साल बाद याद आई है, झाग को ख़त्म करने की. अधिकारी कहता है कि ये एनएमसीजी से अप्रूवड है. तब प्रवेश वेरमा कहते हैं कि तेरे सर पर डाल दूँ. शर्म नहीं आती, यहाँ पर डुबकी लगा चल.
इसी विडियो में दायीं तरफ संजीव झा बोलते नज़र आते हैं. वो कहते हैं कि यमुना नदी में झाग को ख़त्म करने के लिए डीफॉर्मर कंसन्ट्रेट का इस्तेमाल किया जाता है. जब दिल्ली में आप की सरकार थी तब का एक विडियो आपने देखा होगा कि कैसे प्रवेश वर्मा, जो फिलहाल दिल्ली सरकार में मंत्री हैं ने 2022 में आरोप लगाया था कि यमुना में ज़हर मिलाया जा रहा है. उन्होंने खूब ड्रामा किया था, यहाँ पर आकर.लेकिन अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है और वो खुद मंत्री हैं. अब तीन साल बाद देखिये जब वो खुद मंत्री हैं तो यमुना में वाही केमिकल डलवाया जा रहा है. मैं उन्हें एक्स्पोस करने के लिए विडियो बना रहा हूँ. मैं उनसे ये सवाल करता हूँ कि या तो तब जनता से झूठ कह रहे थे कि यमुना में ज़हर डलवाया जा रहा है, या फिर वो अब झूठ बोल रहे हैं. भाजपा का ये दोहरा चरित्र है, लोगों को बरगलाने का. प्रोपगंडा चलाने का. अब वो बताएं कि अगर ये केमिकल ज़हर तो क्यों यमुना में डलवा रहे हैं?
केमिकल को लेकर क्या कहते हैं पर्यावरणविद
पर्यावरण विद मनु सिंह का कहना है कि डी फोर्मर केमिकल एक सिलिकॉन बेस्ड केमिकल होता है. ये समस्या का उपचार नहीं बल्कि एक लक्षानात्मक निवारण है. दरअसल यमुना में उस जगह पर झाग बनते हैं, जहाँ पर बीओडी ( बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड ) कम होती है, यानी सिर्फ झाग से कोई नुक्सान नहीं है. नुक्सान उन प्रदूषक तत्वों से हैं, जो यमुना नदी के जल का ऑक्सीजन लेवल कम कर रहे हैं. इसलिए ये केमिकल सिर्फ झाग को ख़त्म करता है न कि उन प्रदूषक तत्वों को, जिनकी वजह से झाग उठते हैं. अब इस केमिकल की बात करते हैं. जैसा कि बतया कि ये एक सिलिकॉन बेस्ड केमिकल होता है. ये भी एक प्रदूषित तत्व है. इसकी वजह से भी यमुना में बीओडी ( बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड ) कम होता है और पानी में जो जीव होते हैं, उन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. अगर बात करें तो सरकार इस केमिकल को इस्तेमाल करके सिर्फ और सिर्फ दिखावा करने वाली बात कर रही है. बेहतर होता कि यमुना में नालों के पानी को आने से रोकने का काम गंभीरता से किया जाता, जिसे लेकर अदालत ने भी दिल्ली सरकार से सवाल किया था.