फौजा सिंह को टक्कर मारने वाला NRI चालक 30 घंटे बाद गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि आरोपी मूल रूप से जालंधर, पंजाब का रहने वाला है और कनाडा में रहता है. उसके पास 2027 तक का कनाडा का वर्क परमिट है. उसने फोर्च्युनर कार से फौजा सिंह को टक्कर मारी थी.;

Update: 2025-07-16 06:58 GMT

Fauja Singh Accident Case : सबसे ज्यादा उम्र के 114 वर्षीय दिग्गज मैराथन धावक टर्बंड टोर्नेडो के नाम से जाने जाने वाले फौजा सिंह की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में पुलिस ने एक NRI को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम अमृतपाल सिंह ढिल्लों है, जो कनाडा में रहता है और कुछ दिन पहले ही भारत लौटा था। ज्ञात रहे कि ये सड़क हादसा जालंधर-पठानकोट हाईवे पर हुआ था, जहाँ अमृतपाल सिंह ढिल्लों ने दौड़ रहे फौजा सिंह को कार से टक्कर मार दी थी। ये हादसा सोमवार को हुआ था और पुलिस ने लगभग 2 दिन बाद इस मामले के आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है।

30 घंटे बाद हुई गिरफ़्तारी

पुलिस के मुताबिक, 26 वर्षीय अमृतपाल सिंह ढिल्लों को घटना के लगभग 30 घंटे बाद धर दबोचा गया। फौजा सिंह, जो अपने पैतृक गांव के पास सड़क पार कर रहे थे, एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गए थे। घटना के बाद वाहन चालक फरार हो गया था। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में शामिल पंजाब-पंजीकृत टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी को भी जब्त कर लिया गया है।

पुलिस जांच में सामने आया कि ढिल्लों मूल रूप से जालंधर के करतारपुर का निवासी है। वह कनाडा पर्यटक वीजा पर गया था, लेकिन वहां उसे 2027 तक वैध वर्क परमिट मिल गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी पिछले महीने ही भारत लौटा था।

सीसीटीवी कैमरों से मिली मदद

पुलिस की कई टीमों ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से ढिल्लों की कार की पहचान की। कार की नंबर प्लेट से पता चला कि वाहन कपूरथला निवासी वरिंदर सिंह के नाम पर पंजीकृत था। वरिंदर सिंह से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने अपनी कार आरोपी को बेच दी थी। इसके बाद पुलिस ने ढिल्लों को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद ढिल्लों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। सूत्रों के अनुसार, उसने पुलिस को बताया कि वह घटना के वक्त अपना मोबाइल फोन बेचकर घर लौट रहा था। ढिल्लों ने यह भी कहा कि उसे दुर्घटना के समय यह पता नहीं था कि जिस व्यक्ति को उसने टक्कर मारी है, वह फौजा सिंह थे। उसे बाद में खबरों के जरिए उनके बारे में पता चला।

फौजा सिंह: एक प्रेरणादायक यात्रा

1 अप्रैल, 1911 को एक किसान परिवार में जन्मे फौजा सिंह 90 के दशक की शुरुआत में अपनी पत्नी के निधन के बाद इंग्लैंड चले गए थे। 1994 में अपने बेटे की मृत्यु के बाद उन्होंने दौड़ना शुरू किया, जो उनके लिए दुख से उबरने का एक तरीका बन गया।

उन्होंने 2000 में, 89 साल की उम्र में, प्रतिष्ठित लंदन मैराथन में अपना पदार्पण किया। इसके बाद उन्होंने टोरंटो, न्यूयॉर्क और अन्य शहरों में अपने आयु वर्ग में कई मैराथन में भाग लिया। 2011 में 100 साल की उम्र में टोरंटो में पूर्ण मैराथन दौड़कर वह ऐसा करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बने।

फौजा सिंह 2004 के एथेंस ओलंपिक और 2012 के लंदन ओलंपिक के लिए मशाल वाहक भी रहे। उन्होंने अपनी आखिरी प्रतिस्पर्धी दौड़ 2013 में 101 साल की उम्र में हॉन्गकॉन्ग मैराथन में लगाई थी, जहां उन्होंने 10 किलोमीटर की दौड़ 1 घंटे, 32 मिनट और 28 सेकंड में पूरी की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फौजा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें "असाधारण व्यक्तित्व" और "युवाओं को फिटनेस के लिए प्रेरित करने वाला" बताया था। उन्होंने X पर लिखा था, "वह अविश्वसनीय दृढ़ संकल्प वाले एक असाधारण एथलीट थे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।"


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