विदेश से आते ही केजरीवाल से मिले राघव चड्ढा, क्या हैं इसके मायने

राघव चड्ढा भी आप के राज्यसभा सांसद हैं, वो अरविंद केजरीवाल के करीबी हैं, केजरीवाल जब जेल में थे तो इनकी गैर मौजूदगी चर्चा के केंद्र में थी,

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-18 06:49 GMT

Raghav Chadha News:  दिल्ली में जब शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कसते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया तो दो चेहरों राघव चढ्ढा और स्वाति मालीवाल पर सबकी नजर गई. सवाल यह था कि केजरीवाल के समर्थन में गरम बयान देने वाले ये लोग कहां है. बाद में पता चला कि स्वाति मालीवाल अमेरिका में तो राघव चड्ढा लंदन में इलाज करा रहे हैं. अब राघव चड्ढा भी भारत आ चुके हैं और आते ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. 

लंदन में आंख की करा रहे थे इलाज

राघव चड्ढा, आम आदमी पार्टी के मुखर प्रवक्ता हैं और वो सभी विषयों पर अपनी राय रखते रहे हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक या मंत्रियों पर जब संगीन आरोप लगे तो उन्होंने चतुराई से मीडिया के सभी सवालों का जवाब दिया करते थे. लेकिन जब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई तो आम या खास कोई भी हर किसी के दिल दिमाग में सिर्फ यही बात आई कि राघव कहां है. जब इस तरह की खबरें आने लगीं कि वो बीजेपी के संपर्क में हैं तो आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वो आंखों की गंभीर परेशानी का इलाज करा रहे हैं. उन्हें आंखों का ऐसा रोग हुआ है जिसमें रोशनी भी जा सकती है. यही नहीं राघव चड्ढा ने ट्वीट के जरिए यह जताने की कोशिश करते रहे हैं कि उनकी निष्ठा आम आदमी पार्टी के साथ है..अरविंद केजरीवाल के साथ है. 

ट्वीट के जरिए आप को करते रहे सपोर्ट

हर देशवासी की आंखें ख़ुशी से नम हैं, उनके भाई उनके बेटे अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने वाले हैं.आज शाम जेल के ताले टूटेंगे, केजरीवाल छूटेंगे.लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का दिल की गहराइयों से आभार. इंक़लाब ज़िंदाबाद, अरविंद केजरीवाल ज़िंदाबाद !  अरविंद केजरीवाल जब जेल में थे उस वक्त राघव चड्ढा के बारे में कई तरह की बात कही जा रही थी. लेकिन उन्होंने लगातार ट्वीट के जरिए अपनी मौजूदगी को बनाए रखा.

क्या कहते हैं सियासी पंडित

सियासत के जानकार कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. यहां कब क्या बदलाव हो जाए आप कुछ नहीं कह सकते हैं. लेकिन अगर आप राघव चड्ढा की राजनीतिक पारी को देखें तो इसमें कोई दो मत नहीं कि उसमें अरविंद केजरीवाल का अहम योगदान है. सियासी पंडित कहते हैं कि मामला चुनाव का है, आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लड़ाई किसी आम शख्सियत से नहीं है, सामने नरेंद्र मोदी हैं, इस समय आम आदमी पार्टी मुश्किलों के झंझावत से गुजर रही है. अब जबकि स्वाती मालीवाल के मुद्दे पर भी सीएम अरविंद केजरीवाल घिरे हुए वैसे में अगर राघव चड्ढा पार्टी से दूरी बनाते तो जाहिर सी बात है कि बीजेपी जबरदस्त तरीके से मुद्दा बनाती. इन सबके बीत राघव ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वो दिल से आप वाले ही हैं ताकि उनके कंधे का इस्तेमाल करके बीजेपी बंदूक ना चला सके. 

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