PPAC 50% कम होने से दिल्ली वालों के बिजली बिल में कटौती, श्रेय के लिए राजनीती शुरू

PPAC की दरों में कमी को लेकर भाजपा और आप के बीच श्रेय लेने की राजनीती शुरू हो गयी है। आप इसके लिए अपनी पीठ थप थापा रही है, तो वहीँ भाजपा का कहना है कि उसके द्वारा मुद्दा उठाने पर ये कटौती की गयी है।;

Update: 2024-12-28 11:37 GMT

Politics On Delhi PPAC Charges: दिल्ली में चुनावी सरगर्मी के चलते एक ओर जहाँ राजनितिक पारा बढ़ा हुआ है तो वहीँ इस बीच राजधानी वासियों के लिए एक खुशखबरी भी सामने आई है। ये खुशखबरी दिल्ली में रहने वाले लोगों के बिजली बिलों से जुड़ी हुई है, क्योंकि अब पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज (पीपीएसी) में 50% से अधिक की कटौती कर दी गई है। इस फैसले का सीधा फायदा दिल्ली के उपभोक्ताओं को होगा।


दिल्ली वालों को राहत देने वाले इस फैसले पर राजनितिक खींचतान शुरू
एक ओर जहाँ इस फैसले से दिल्ली वालों को राहत मिली है तो वहीँ दूसरी ओर इसी फैसले में दिल्ली के एक चुनावी माहौल में राजनितिक खींचतान भी बढ़ा दी है। दरअसल ये खींचतान श्रेय लेने के लिए चल रही है। भाजपा इसका श्रेय लेते हुए अपनी पीठ थप थपा रही है तो वहीँ दूसरी ओर आप इस फैसले में अपनी भूमिका बता रही है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दावा किया है कि यह उनकी मांगों और संघर्ष का परिणाम है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) का कहना है कि यह उपभोक्ताओं को टैरिफ बढ़ोतरी से बचाने की उनकी प्राथमिकता का हिस्सा है।

किस क्षेत्र में PPAC में कितनी कटौती हुई?
दिल्ली की बात करें तो यहाँ बिजली डिस्ट्रीब्यूशन चार हिस्सों में है। एक यामुनापार में जहाँ BYPL बिजली सप्लाई करती है, दूसरी BRPL दक्षिणी दिल्ली आदि में ये कंपनी बिजली सप्लाई करती है। ये दोनों ही कंपनियां रिलायंस की है। तीसरी कंपनी है टाटा पॉवर लिमिटेड, जो उत्तरी दिल्ली में बिजली की सप्लाई करती है। चौथा हिस्सा है NDMC का।

DERC (दिल्ली विद्युत नियामक आयोग) द्वारा संशोधित दरों के अनुसार
:

बीवाईपीएल: पीपीएसी शुल्क 37.75% से घटकर 13.63% हो गया।

बीआरपीएल: 35.8% से घटकर 18.2% कर दिया गया।

टीपीडीडीएल: 37.9% से घटकर 20.5% पर आ गया।

एनडीएमसी: इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है; यह 38.8% पर ही है।


बिजली बिल पर क्या होगा असर
पीपीएसी में इस कटौती से बिजली बिलों पर बड़ा असर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 600 यूनिट बिजली की खपत करता है और बीआरपीएल क्षेत्र में रहता है, तो उसका बिल अब ₹4,802 से घटकर ₹4,239 हो जाएगा। हालांकि, 200 यूनिट तक की खपत करने वाले सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं के बिजली बिल पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

क्या है PPAC?
पीपीएसी, बेस टैरिफ के अतिरिक्त शुल्क के रूप में लगाया जाता है। यह डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को बिजली खरीद लागत में उतार-चढ़ाव को कवर करने के लिए लगाया जाता है।

राजनीतिक विवाद
इस कटौती के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

सीएम आतिशी का बयान:
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, जिनके पास बिजली विभाग भी हैं, ने कहा, "पीपीएसी में कटौती हमारी ईमानदार और उपभोक्ता-हितैषी नीतियों का परिणाम है। सरकार उपभोक्ताओं को भारी टैरिफ से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

बीजेपी का दावा:
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "यह कटौती हमारे संघर्ष का परिणाम है। हमने जुलाई में पीपीएसी का मुद्दा उठाया था और विरोध प्रदर्शन किया था।"

आम उपभोक्ताओं के लिए राहत
पीपीएसी में कटौती चाहे किसी भी कारण से हुई हो, लेकिन यह साफ है कि इसका फायदा आम दिल्लीवासियों को मिलेगा। आने वाले महीनों ख़ासतौर से गर्मियों में उपभोक्ता अपने बिजली बिलों में कमी का अनुभव करेंगे। अब देखना होगा कि इस फैसले का दिल्ली विधानसभा चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है।


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