कोलकाता रेप - हत्या मामला : पीड़ित परिवार ने सरकारी दावों का किया खंडन
परिवार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा उद्धृत किया जा रहा वीडियो दाह संस्कार के तुरंत बाद पुलिस द्वारा जबरन रिकॉर्ड किया गया था।
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-09-06 03:53 GMT
RG Kar Hospital Rape Cum Murder: सत्तारूढ़ टीएमसी ने गुरुवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित रूप से बलात्कार और हत्या की शिकार हुई महिला डॉक्टर के माता-पिता द्वारा पुलिस पर मामले को दबाने के आरोपों का खंडन किया और जोर देकर कहा कि हाल ही में सामने आया वीडियो उनके दावों का खंडन करता है, जिसमें दिखाया गया है कि परिवार पहले की जांच से संतुष्ट था. परिवार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि यह वीडियो पुलिस द्वारा दाह संस्कार के तुरंत बाद जबरन रिकॉर्ड किया गया था. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने, जो बुधवार रात आरजी कर अस्पताल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ शामिल हुए, कोलकाता पुलिस पर जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कर मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया.
टीएमसी ने नया वीडियो पेश किया
वहीँ आरोपों के जवाब में वरिष्ठ टीएमसी नेता और मंत्री शशि पांजा ने कहा कि माता-पिता के एक नए वीडियो में दावा किया गया है कि इस तरह के आरोप झूठे हैं. उन्होंने कहा, "कल एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि घटना के बाद एक पुलिस अधिकारी ने माता-पिता को पैसे की पेशकश की. एक और वीडियो सार्वजनिक डोमेन में सामने आया है, जिसमें माता-पिता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे दावे झूठे हैं और वे केवल अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं."
ये वीडियो, जिसकी प्रामाणिकता पीटीआई द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं की जा सकी, टीएमसी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चलाया गया, जहां माता-पिता को यह कहते हुए सुना गया कि उन्हें कभी भी पैसे की पेशकश नहीं की गई थी.
"हम दुखी माता-पिता के दर्द की कल्पना नहीं कर सकते. यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है, और हम सभी पीड़ित के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. लेकिन, यहाँ राजनीति नहीं होनी चाहिए. हम विनम्रतापूर्वक अपील करना चाहते हैं कि माता-पिता पर कुछ भी करने के लिए कोई राजनीतिक दबाव नहीं होना चाहिए," पांजा ने कहा.
डॉक्टर के परिवार ने पलटवार किया
एक घंटे के भीतर ही पीड़ित परिवार ने एक बंगाली समाचार चैनल से बात करते हुए दावा किया कि घटना के कई दिनों बाद पुलिस द्वारा ये वीडियो जबरन शूट किया गया था. परिवार के एक सदस्य ने समाचार चैनल को बताया, "घटना के कुछ ही दिनों बाद पुलिस ने वीडियो शूट किया और हमें इसमें भाग लेने के लिए मजबूर किया गया. सच्चाई यह है कि पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की और (पूर्व) आरजी कर प्रिंसिपल संदीप घोष को बचाने की कोशिश की." पांजा ने भाजपा पर न्याय मांगने की बजाय इस त्रासदी का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित बलात्कार विरोधी विधेयक पर बहस के दौरान भाजपा विधायक ने पीड़ित परिवार के लिए तत्काल न्याय की मांग की थी.
भाजपा मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है: टीएमसी
मंत्री ने कहा, "हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने ऐतिहासिक बलात्कार विरोधी विधेयक पारित किया. विधेयक पर बहस के दौरान भाजपा विधायक ने कहा कि पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय मिलना चाहिए और अगर इसमें कोई देरी हुई तो सीबीआई को बख्शा नहीं जाएगा."
पांजा ने दावा किया कि भगवा पार्टी अन्य पार्टियों के साथ मिलकर राजनीतिक पैंतरेबाजी कर रही है, जिससे पीड़िता के माता-पिता की परेशानी और बढ़ रही है. उन्होंने कहा, "इससे पीड़िता के माता-पिता की भावनाएं बहुत आहत हो रही हैं." पांजा ने सोशल मीडिया पर ऐसे "फर्जी" वीडियो के प्रसार की भी निंदा की और आरोप लगाया कि इन्हें भाजपा के आईटी सेल द्वारा फैलाया जा रहा है.
उन्होंने अपराधियों को जल्द से जल्द और कड़ी सज़ा देने की मांग की और सोशल मीडिया पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के प्रसार की निंदा करते हुए इसे पीड़िता के साथ अन्याय बताया. वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा, "सीबीआई को जांच में तेजी लानी चाहिए." पांजा ने कहा, "जब तृणमूल कांग्रेस समेत हर कोई न्याय की मांग कर रहा है, तो राजनीति बीच में नहीं आनी चाहिए. हम शीघ्र न्याय चाहते हैं और अपराधी या अपराधियों के लिए कठोर सजा चाहते हैं."
'सीबीआई जांच में कोई प्रगति नहीं'
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ टीएमसी नेता ब्रत्य बसु ने कहा कि कोलकाता पुलिस द्वारा 23 दिन पहले सभी प्रासंगिक दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के बावजूद एजेंसी की ओर से कोई महत्वपूर्ण प्रगति या संचार नहीं हुआ है. उन्होंने सीबीआई की "पारदर्शिता की कमी" और सबूतों से छेड़छाड़ के भाजपा के दावों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने पूछा, "भाजपा कह रही है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई है. हम जानना चाहते हैं कि कौन सा सबूत? सीबीआई की ओर से यह चुप्पी क्यों है?" 9 अगस्त को डॉक्टर की मौत के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया.
टीएमसी ने डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन किया
पांजा ने डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन करते हुए इसे उचित बताया, लेकिन उम्मीद जताई कि स्थिति ठीक हो जाने पर वे काम पर लौट आएंगे. पांजा ने कहा, "डॉक्टरों का आंदोलन उचित है और इसे सहानुभूति के साथ लिया जाना चाहिए. निश्चित रूप से, जब उन्हें लगेगा कि उनका समय आ गया है तो वे काम पर वापस लौट आएंगे."
भाजपा ने कहा पीड़ित परिवार ने राज्य सरकार की पोल खोली
पश्चिम बंगाल भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि परिवार ने मामले को दबाने की राज्य सरकार की योजना का “पर्दाफाश” कर दिया है. भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने दावा किया, "टीएमसी सरकार ने इसे छिपाने के लिए सब कुछ किया है. परिवार के बयान ने टीएमसी और पुलिस को बेनकाब कर दिया है."
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)