RG Kar Medical College : लेडी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में संजय रॉय दोषी करार

सोमवार को सजा पर होगी बहस। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने 57 दिनों की सुनवाई के बाद अरोपी संजय रॉय को दोषी करार दे दिया गया।;

Update: 2025-01-18 10:43 GMT

Kolkata Lady Tranee Doctor Case : कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले वर्ष महिला डॉक्टर ( ट्रेनी ) के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को दोषी करार दे दिया है। अब इस मामले में सजा सुनाई बाकी रह गयी है, जिस पर सोमवार को अदालत में बहस की जाएगी। बता दें कि ये जघन्य अपराध 8 और 9 अगस्त 2024 की रात को अस्पताल के सेमिनार हॉल में हुआ था, जिसने न केवल चिकित्सा जगत बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।


क्या थी घटना और कैसे शिकंजे में आया संजय रॉय

अगर इस घटना की बात करें तो ये 8 और 9 अगस्त की रात को अंजाम दी गयी। इस घटना के अहम सुराग जिसकी वजह से पुलिस और सीबीआई को आरोपी का सुराग लगा, वो था सीसीटीवी कैमरा। सीसीटीवी कामेते की फुटेज में पाया गया कि संजय रॉय आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 8/9 अगस्त की दरमियानी रात ( तड़के ) 4:03 बजे दाखिल हुआ और 4:32 बजे बाहर निकला। इस दौरान उसने 29 मिनट के भीतर महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। पीड़िता का शव सुबह अस्पताल के उसी कमरे से बरामद हुआ।
कोलकाता पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू की और 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद में यह जांच सीबीआई को सौंप दी गई।

मामले में अहम सबूत

अदालत ने संजय रॉय को दोषी ठहराने में जिन सबूतों को आधार माना, वे बेहद पुख्ता थे:

1. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन:
घटना के वक्त आरोपी की मौजूदगी सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल लोकेशन के जरिए साबित हुई।

2. ब्लूटूथ डिवाइस:
आरोपी का ब्लूटूथ डिवाइस घटनास्थल पर मिला, जिसकी MAC ID उसके मोबाइल से मेल खाती थी।

3. डीएनए और फोरेंसिक जांच:
पीड़िता के शरीर पर आरोपी के सलाइवा (थूक) के निशान पाए गए। आरोपी के कपड़ों और जूतों पर पीड़िता का खून मिला। डीएनए जांच ने भी आरोपी को पूरी तरह अपराधी साबित किया।

4. चोटों के निशान:
आरोपी के शरीर पर चोट के निशान थे, जो पीड़िता के संघर्ष का प्रमाण थे।

5. 3D मैपिंग और फोरेंसिक साक्ष्य:
घटना स्थल की 3D मैपिंग और फोरेंसिक विश्लेषण ने यह स्पष्ट किया कि उस वक्त वहां कोई और मौजूद नहीं था।


फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई
इस घटना ने पश्चिम बंगाल में हडकंप मचा दिया था। कोलकाता में राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा और लम्बा प्रदर्शन चला। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली डॉक्टरों के साथ बैठक कर उन्हें आश्वस्त किया। जनता को विश्वास में लेने के लिए पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कही गयी। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई।

57 दिन में पूरी हुई सुनवाई
ये मामला 12 नवंबर 2024 को अदालत में सुनवाई के लिए लाया गया। बंद कमरे में चली इस सुनवाई के दौरान 128 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 50 लोगों से पूछताछ की गई। अदालत ने 57 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी की। सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने शनिवार को संजय रॉय को दोषी करार दिया। अब सजा पर फैसला सोमवार को होगा।

क्या कहना है पीड़िता के परिवार का
फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिए जाने के बाद पीड़ित परिवार को कुछ राहत जरुर महसूस हुई है लेकिन उन्हें ये न्याय अधुरा प्रतीत हो रहा है। पीड़िता के माता पिता का मानना है कि उनकी बेटी के साथ की गयी हैवानियत को एक अकेला व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता था। उनका कहना है कि इस अपराध में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, इसलिए इस मामले में और भी गहन जांच की जानी चाहिए। पीड़िता के माता-पिता ने न्यायपालिका से ये सुनिश्चित करने की अपील की है कि उनकी बेटी को पूर्ण न्याय मिले।

सोमवार को क्या होगा
अदालत ने संजय रॉय को दोषी करार तो दिया है लेकिन सजा सुनाई जानी अभी बाकी है। सजा पर बहस के बाद यह तय होगा कि संजय रॉय को कितनी सख्त सजा दी जाएगी।
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