शांति प्रयास या वैचारिक विस्तार? संघ की मणिपुर नीति पर बवाल

हाल ही में एक नए सशस्त्र कुकी समूह के उभरने से संघर्ष और भी जटिल हो गया है, जिससे पहाड़ियों में नाज़ुक शक्ति संतुलन में उथल-पुथल मच गई है।;

Update: 2025-07-10 02:32 GMT
मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स ने 4 जुलाई को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में एक संयुक्त तलाशी अभियान में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। | पीटीआई फोटो

जैसे-जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मणिपुर की अशांत घाटियों में ‘शांति दूत’ की भूमिका निभाने उतर रहा है,  वैसे-वैसे आशंका जताई जा रही है कि उसका यह हस्तक्षेप स्थिति को और अधिक उलझा सकता है। पहले से ही जातीय तनाव और असंतुलन से ग्रस्त इस राज्य में हाल ही में एक नया सशस्त्र कुकी गुट सामने आया है, जिससे पहाड़ी इलाकों में शक्ति संतुलन और भी अस्थिर हो गया है।

संघ की शांति योजना

RSS के प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने हाल में दावा किया कि संघ के स्वयंसेवकों ने मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच संवाद शुरू किया है, ताकि दोनों गुटों में सुलह हो सके। हालांकि मणिपुर में भाजपा और संघ के स्थानीय पदाधिकारी इस योजना पर सार्वजनिक तौर पर कुछ बोलने से बच रहे हैं, लेकिन अंबेकर का कहना है कि स्वयंसेवक समुदायों के बीच बातचीत को बढ़ावा दे रहे हैं।अंबेकर को भरोसा है कि बीते वर्ष की तुलना में हालात बेहतर हुए हैं और जल्द समाधान निकलेगा। मार्च में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी कहा गया था कि दोनों समुदायों के बीच विश्वास और सौहार्द का माहौल फिर से बनाना समय लेगा।

‘शांति’ की समझ पर सवाल

हालांकि, मणिपुर पीस फोरम के संयोजक अशांग केसार ने संघ के आकलन को सतही करार देते हुए कहा कि “केवल हिंसा की घटनाओं में कमी से यह नहीं माना जा सकता कि हालात सुधरे हैं।” उन्होंने बताया कि अभी 8 जुलाई को ही कुकी समुदाय की सर्वोच्च संस्था 'कुकी इंपी' ने साफ कर दिया कि वह गृह मंत्रालय की पहल के तहत किसी भी मेइती नागरिक संगठन से बात नहीं करेगी तो फिर संघ किससे बातचीत कर रहा है?" केसार ने सवाल उठाया। उनके मुताबिक दोनों समुदायों के बीच विश्वास की खाई अब भी उतनी ही गहरी है जितनी शुरुआत में थी।

'शांति' का भ्रम?

मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने भी यही चिंता जताई। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी के सांसद अकोइजम बिमोल अंगोमचा को हाल ही में सुरक्षा कारणों से इंफाल घाटी के एक गांव में जाने से रोक दिया गया। जब एक सांसद भी अपने क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से नहीं घूम सकता, किसान अपनी जमीन जोतने में असमर्थ हैं, और आंतरिक रूप से विस्थापित लोग अपने घर नहीं लौट सकते तो इसे स्थिति में सुधार कैसे कहा जा सकता है?

नई लड़ाई की आहट

कई सुरक्षा अधिकारियों और स्थानीय जानकारों ने स्वीकार किया कि ज़मीनी हालात अब भी सामान्य नहीं हैं। कुकी क्षेत्रों में एक नया सशस्त्र गुट यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (UKNA) सामने आया है, जो किसी मौजूदा कुकी-जो विद्रोही गुट के अंतर्गत नहीं आता। इन पुराने गुटों ने सरकार के साथ "ऑपरेशन निलंबन" (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन UKNA ने क्षेत्रीय वर्चस्व के लिए एक अलग मोर्चा खोल दिया है। हाल ही में इसी गुट पर आरोप है कि उसने चुराचांदपुर जिले में एक SoO से जुड़े गुट के उपप्रमुख, दो अंगरक्षकों और एक नागरिक की हत्या की।

RSS की भूमिका पर पक्षपात के आरोप

स्थानीय विश्लेषकों का मानना है कि RSS की इस समय पर भूमिका खुद विवाद का कारण बन सकती है, खासकर उसके ईसाई विरोधी रुख के चलते। वरिष्ठ प्रचारक जगदंबा मल्ल की किताब "Manipur in Flames: Conspiracy of The Cross" का नाम ही इस नजरिए को उजागर करता है। मल्ल का तर्क है कि पहाड़ी प्रशासन को अलग करने और चर्च द्वारा कुकी समुदाय को ईसाई धर्म में लाने की साजिश ने मेइती हिंदुओं और भारत से दूरी पैदा की। जब किसी संस्था का पूर्वाग्रह इतना स्पष्ट हो, तो वह कैसे शांति की मध्यस्थता कर सकती है?” केसार ने चेतावनी दी, ऐसे हस्तक्षेप से सामाजिक खाई और बढ़ेगी।

सभी ओर से संदेह

कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि RSS और भाजपा ने ही इस संकट को जन्म दिया है, और अब सरकार इसे स्वयं हल करने के बजाय संघ को सौंप रही है, जो केवल विभाजन को गहरा करेगा। हालांकि मणिपुर भाजपा प्रवक्ता माइकल लामजातहांग हाओकिप संघ की पहल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें भी इसकी सफलता को लेकर संदेह है। उनका कहना है, चाहे RSS हो या डोनाल्ड ट्रंप, जब तक दोनों पक्ष हिंसा की निरर्थकता को नहीं समझते, तब तक शांति स्थापित नहीं हो सकती।

मणिपुर में संघर्ष की आग अब भी सुलग रही है। संघ की कोशिशें अगर निष्पक्ष और समावेशी नहीं रहीं, तो वे मरहम बनने की बजाय नया ज़ख्म दे सकती हैं। राज्य और केंद्र सरकार को चाहिए कि वे हस्तक्षेप के बजाय नेतृत्व करें और असल, दीर्घकालिक समाधान की दिशा में आगे बढ़ें।

Tags:    

Similar News