साउदर्न रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा, RTI में खुलासा

अप्रैल से अगस्त 2025 तक 32.15 करोड़ यात्री साउदर्न रेलवे में यात्रा कर चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.58% अधिक है। इसी अवधि में केवल यात्री भाड़े से ₹3,273 करोड़ कमाए गए, जो 4.71% की वृद्धि दर्शाता है।

Update: 2025-11-22 16:16 GMT
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चेन्नई के RTI कार्यकर्ता दयानंदन कृष्णन की जानकारी पर साउदर्न रेलवे ने स्वीकार किया है कि कई महत्वपूर्ण सुरक्षा तकनीकें अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हुई हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI), ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग (ABS), ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम (TPWS) और देशी एंटी-कोलिजन सिस्टम कवच शामिल हैं।

आधे स्टेशन भी EI से खाली

साउदर्न रेलवे के कुल 492 स्टेशनों में से केवल 250 स्टेशनों पर ही EI प्रणाली लगाई गई है। शेष 242 स्टेशन पुराने मैनुअल या मैकेनिकल सिस्टम पर निर्भर हैं। मदुरै और अन्य डिवीज़नों में गेट और सिग्नल संचालन पूरी तरह से मैनुअल है, जिससे यात्रियों, वाहन चालकों और गेटकिपर्स की जान जोखिम में रहती है। EI सिस्टम की लागत बहुत अधिक है: एक सिंगल लाइन, दो-ट्रैक सेटअप के लिए लगभग ₹9.76 करोड़ और डबल लाइन, पांच-ट्रैक कॉन्फ़िगरेशन के लिए ₹14.48 करोड़। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा के लिए यह खर्च अनिवार्य है।

ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग (ABS) अधूरा

साउदर्न रेलवे को 5,084 किमी में ABS सिस्टम की जरूरत है, लेकिन अभी केवल 495.73 किमी ही पूरी हुई है। इसका मतलब है कि 84% नेटवर्क अब भी पुराने मैनुअल सिग्नलिंग पर निर्भर है, जिससे टकराव का खतरा बढ़ गया है।

ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम (TPWS) सीमित

TPWS केवल चेन्नई-कटपड़ी और चेन्नई-अरककोनाम सबअर्बन सेक्शनों में काम कर रहा है। यह सिस्टम ट्रेन के तेज होने या रेड सिग्नल पार करने पर स्वतः ब्रेक लगाता है। बाकी ज़ोन में यह लागू नहीं हुआ है।

कवच प्रणाली में देरी

देशी एंटी-कोलिजन सिस्टम कवच 5,084 किमी में लागू किया जाना है, लेकिन केवल 1,984 किमी पर काम हुआ है। बाकी 3,100 किमी पर काम शुरू भी नहीं हुआ है। प्रति किमी लागत लगभग ₹0.64 करोड़ है, लेकिन कार्य की धीमी गति को लेकर आलोचना हो रही है।

सांसद और यात्रियों की प्रतिक्रिया

मदुरै सांसद और CPI(M) नेता सु वेंकटेशन ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक चमक-दमक वाले प्रोजेक्टों को प्राथमिकता देने और मूलभूत सुरक्षा उपायों पर अनदेखी का आरोप लगाया। तमिलनाडु रेल यात्रियों के अधिकार समूह के को-कन्वीनर मारिमुथु ने RTI खुलासों के बाद रेलवे प्रशासन की लापरवाही की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि साउदर्न रेलवे ने केवल यात्री भाड़े से सबसे अधिक राजस्व कमाया है, लेकिन बावजूद इसके यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया।

वित्तीय आंकड़े

अप्रैल से अगस्त 2025 तक 32.15 करोड़ यात्री साउदर्न रेलवे में यात्रा कर चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.58% अधिक है। इसी अवधि में केवल यात्री भाड़े से ₹3,273 करोड़ कमाए गए, जो 4.71% की वृद्धि दर्शाता है। मारिमुथु ने जोर देकर कहा कि इतनी बड़ी यात्री संख्या और राजस्व के बावजूद, रेलवे प्रशासन को तुरंत सुरक्षा उपायों को लागू करने और महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणालियों की तेजी से स्थापना करनी चाहिए। साउदर्न रेलवे से RTI खुलासों पर स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन प्रकाशन तक कोई जवाब नहीं मिला।

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