संभल हिंसा में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने पर उत्तर प्रदेश पुलिस सतर्क
संभल पुलिस का दावा है कि हिंसा वाली जगह पर जब जांच की गयी तो वहां पर कारतूस के खोखे बरामद किये गए. इनमें से 6 खोखे ऐसे पाए गए जो मेड इन पाकिस्तान हैं. इस वजह से पुलिस हाई अलर्ट पर है और इस बात का पता लगा रही है कि आखिर पाकिस्तानी कारतूस संभल हिंसा में कैसे पहुंचे;
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-12-03 17:41 GMT
Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी में पाकिस्तानी आर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी कारतूस का इस्तेमाल किया गया था। ये चौकाने वाला खुलासा संभल जिला के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई किया। पुलिस का कहना है कि हिंसा स्थल पर 6 फुके हुए कारतूस मिले या कहें की कारतूस के खोखे मिले, जिन पर मेड इन पाकिस्तानी आर्डिनेंस फैक्ट्री लिखा था। इसके अलावा एक कारतूस पर मेड इन USA लिखा था।
क्या था मामला
ज्ञात रहे कि 19 नवंबर को अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। यह आदेश एक याचिका पर आधारित था, जिसमें दावा किया गया था कि वर्तमान जामा मस्जिद के स्थान पर कभी हरिहर मंदिर था। इस सर्वेक्षण के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। फिर 24 नवंबर को जब दूसरा सर्वेक्षण किया गया, तो विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। जामा मस्जिद के बाहार भीड़ एकत्र हो गयी और सर्वे करने वाली टीम को घेर लिया गया। जैसे तैसे टीम को सकुशल बाहर निकला गया लेकिन उसके तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गयी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 29 पुलिसकर्मी समेत कई अन्य घायल हो गए।
जांच और बरामदगी:
एसपी विश्नोई के अनुसार हिंसा के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया, जिसने घटनास्थल पर गहन जांच की। फोरेंसिक टीम, मेटल डिटेक्टर और नगर पालिका के सहयोग से तलाशी अभियान चलाया गया। इसी दौरान कारतूस के छह खोखे बरामद किए गए, जिनमें से पांच फायर किए हुए और एक मिस फायर कारतूस था।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का संदेह:
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बरामद कारतूसों में से कुछ पाकिस्तान की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में निर्मित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी के कनेक्शन का संदेह है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पहले भी संभल से जुड़े अपराधियों के दुबई और अन्य देशों में सक्रिय होने की खबरें आई हैं। हाल ही में गुजरात पुलिस की अपराध शाखा ने यहां के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन पर हथियारों की तस्करी में शामिल होने का आरोप है।
जुटाए जा रहे हैं सबूत
पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर लगे कई सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए थे, लेकिन उनके डीवीआर को बरामद कर फुटेज खंगाले जा रहे हैं। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल की जांच की है। बुधवार को पुलिस और फोरेंसिक विशेषज्ञ तलाशी अभियान को और विस्तार देंगे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बैलेस्टिक एक्सपर्ट की राय भी ली जाएगी और कारतूसों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।
सुरक्षा बल अलर्ट पर:
हिंसा के बाद इलाके में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं और संवेदनशील इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में हर पहलू की गहनता से जांच की जाएगी। एसपी विश्नोई ने कहा, "हम इस बात की तह तक जाएंगे कि हिंसा में इस्तेमाल हुए कारतूस कहां से आए और इसका नेटवर्क किस तरह काम कर रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"