सिवगंगा कस्टोडियल डेथ केस: पूछताछ या पुलिस प्रताड़ना? पोस्टमार्टम से उठे सवाल

पोस्टमार्टम में कुमार के शरीर पर 18 बाहरी चोटें पाई गईं, जिसमें खोपड़ी, हाथ, पीठ, पैर और अंदरूनी चोटें शामिल हैं, जिनमें खून बहना भी शामिल है।;

Update: 2025-06-30 13:51 GMT

मदापुरम कालीअम्मन मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात 29 वर्षीय अजित कुमार की रहस्यमय मौत अब एक दिल दहला देने वाले मोड़ पर आ गई है। मदुरै के राजाजी सरकारी अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम की तस्वीरें The Federal द्वारा हासिल की गई हैं, जो स्पष्ट रूप से उन पर हुई बर्बरता की कहानी बयां करती हैं।

मौत की वजह बनी पुलिस प्रताड़ना

अजित कुमार को मंदिर में चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तस्वीरों से साफ पता चलता है कि उनकी पुलिस हिरासत में बेरहमी से पिटाई की गई थी।

पोस्टमार्टम में चौंकाने वाले तथ्य

यह पोस्टमार्टम करीब 5 घंटे तक चला, जबकि आमतौर पर यह प्रक्रिया 1 से 2 घंटे में पूरी हो जाती है। कुमार के शरीर पर कम से कम 18 बाहरी चोटें पाई गईं — सिर, हाथ, पीठ और पैरों पर गंभीर घाव शामिल हैं। भीतरूनी चोटें, जैसे अंगों में क्षति और रक्तस्राव भी पाए गए। माना जा रहा है कि सीने पर गहरी चोट उनकी मौत का मुख्य कारण बनी।

यातना की भयावह तस्वीरें

परिवार और प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि कुमार को पाइप से पीटा गया, मिर्च पाउडर लगाया गया और पानी भी नहीं दिया गया। तस्वीरों और रिपोर्टों में मिले सबूत यह दिखाते हैं कि यह महज पूछताछ नहीं बल्कि शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना थी।

न्याय और मुआवजा

मामले के तूल पकड़ने के बाद सिवगंगा जिले के पुलिस अधीक्षक आशीष रावत ने जांच के आदेश दे दिए हैं। AIADMK के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी समेत कई विपक्षी नेताओं ने कुमार के परिवार के लिए न्याय और मुआवज़े की मांग की है।

कस्टोडियल हिंसा पर फिर सवाल

यह मामला एक बार फिर पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों और पुलिसिया बर्बरता को लेकर चिंता बढ़ा रहा है। जनता में भारी गुस्सा है और सरकार पर सख्त, तेज और पारदर्शी कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।

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