महाराष्ट्र की जनता चाहती है परिवर्तन; चुनाव परिणाम में दिखेगा असर : शरद पवार
शरद पवार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले महाराष्ट्र राज्य प्रशासन का महायुति शासन में मनोबल गिर गया है.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-10-13 11:02 GMT
Maharashtra Elections : हरियाणा चुनाव के बाद अब कांग्रेस और उसके घटक दलों को महाराष्ट्र चुनाव की चिंता सता रही है. जिस तरह से हरियाणा के चौकाने वाले नतीजे आये, उसे देखते हुए कांग्रेस और उसके घटक ये नहीं चाहते कि जनता के मन में किसी प्रकार की कोई शंका रहे और इसी शंका का फायदा बीजेपी और उसके घटक दलों को न मिल पाए. यही वजह है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी घटक बार बार जनता के सामने न केवल ये दर्शा रहे हैं कि उनके गठबंधन वाले महा विकास अघाड़ी में सब कुछ ठीक है और महाराष्ट्र की जनता को भी महाविकास अघाड़ी पर पूरा भरोसा है.
एनसीपी (शरद पवार) के मुखिया शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग अब प्रदेश की सत्ता में राजनीतिक बदलाव के लाने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों में जनता की ये भावना प्रतिबिंबित होगी.
महाविकास अघाड़ी की बैठक के बाद कही ये बात
शरद पवार ने रविवार (13 अक्टूबर) को मुंबई में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अपने अन्य घटकों के नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि राज्य प्रशासन, जिसे देश में सर्वश्रेष्ठ माना जाता था, महायुति शासन के तहत हतोत्साहित हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को वर्तमान सरकार से मुक्ति दिलाना चाहते हैं और मुझे विश्वास है कि वे हमारा समर्थन करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि आगामी राज्य चुनावों में एमवीए लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराएगा.
बता दें कि महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार की राकांपा शामिल हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा जम्मू कश्मीर चुनाव को रखें याद
शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के वोट शेयर में केवल 0.6 प्रतिशत का अंतर है, फिर भी भाजपा को अधिक सीटें मिलीं. इस पर तो सब चर्चा कर रहे हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है? अनुच्छेद 370 (जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था) को हटाए जाने के बाद भाजपा को चुनावों में जीत हासिल करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महाराष्ट्र में की गई उनकी हालिया टिप्पणी की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने बंजारा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया.
पवार ने कहा, "वह भूल जाते हैं कि वसंतराव नाइक, जो इसी समुदाय से थे, राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे थे." महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य के लोग कभी भी किसी प्रधानमंत्री को सरकारी समारोहों में राजनीतिक भाषण देते हुए स्वीकार नहीं करेंगे. पवार ने कहा कि महाराष्ट्र का प्रशासन देश में सर्वोत्तम है. पवार ने दावा किया कि ‘‘अब यह हतोत्साहित हो चुका है. हाल में जिस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं, वे आम आदमी का मजाक उड़ाने जैसा है.’’
उन्होंने कहा, "हम लोगों को इस सरकार से मुक्त कराने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि लोग हमारा समर्थन करेंगे."
जनता को नहीं रहा पुलिस और प्रशासन पर विश्वास
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज राज्य सरकार के प्रत्येक कदम को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है - जैसे कि राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में की गई दो गिरफ्तारियां और यहां तक कि बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस मुठभेड़ में हत्या.
ठाकरे ने दावा किया कि मुंबई में ‘‘दो पुलिस आयुक्त’’ हैं लेकिन फिर भी शहर में अपराध की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है.
मुख्यमंत्री चेहरा अभी स्पष्ट नहीं किया
अगले महीने होने वाले राज्य चुनावों के लिए एमवीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे गए सवाल पर ठाकरे ने कहा कि चुनाव विपक्षी गठबंधन और सत्तारूढ़ महायुति के बीच मुकाबला होगा. उन्होंने कहा, "महायुति को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने दीजिए, एमवीए भी उसी तरह काम करेगा." पवार और पटोले ने कहा कि ठाकरे ने एमवीए की स्थिति स्पष्ट कर दी है. पटोले ने कहा, "हमारा उद्देश्य सरकार को हराना है, न कि मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करना."