दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, माँगा ठोस प्लान

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर CAQM और राज्यों से समयबद्ध, लागू होने वाली रणनीति पेश करने को कहा; साथ ही ये भी कहा कि सिर्फ पराली नहीं, कई वजहें जिम्मेदार।

Update: 2025-12-01 10:49 GMT

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कड़ी नाराज़गी जताई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ कहा कि प्रदूषण हर साल लाखों लोगों की सेहत पर सीधा असर डाल रहा है, ऐसे में कोर्ट हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकता ।


जब कोविड में नीला आसमान दिख सकता है तो अब क्यों नहीं 

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा “हम चुप नहीं बैठ सकते! कोविड के दौरान लोग नीला आसमान और सितारे कैसे देख पाए थे? पराली सिर्फ एक वजह है, पूरा संकट उससे बड़ा है।”

कोर्ट ने CAQM और NCR राज्यों से कहा कि वे सिर्फ दलीलें न दें, बल्कि एक स्पष्ट, समयबद्ध और ज़मीन पर लागू होने वाली रणनीति पेश करें। बेंच ने चेतावनी दी कि यह मुद्दा राजनीति या अहंकार का नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन का है।



सिर्फ पराली नहीं ज़िम्मेदार 

कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के पीछे केवल स्टबल बर्निंग यानी पराली जिम्मेदार नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि “हमें बताइए कि अन्य स्रोतों को रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं?”

सुनवाई में CAQM ने बताया कि वे कई एजेंसियों के साथ बैठकें कर चुके हैं और मौजूदा उपायों की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं, ASG ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, CPCB समेत सभी विभाग अपनी कार्रवाई रिपोर्ट अदालत में जमा कर सकते हैं।

बेंच ने स्पष्ट किया कि वैज्ञानिक समाधान तैयार करना अदालत का काम नहीं है, लेकिन अदालत यह सुनिश्चित कर सकती है कि सभी एजेंसियां एक मंच पर आकर समन्वय करें।

CJI ने कहा कि “समाधान आपको ही देना होगा। हमारे पास शायद वैज्ञानिक विशेषज्ञता न हो, लेकिन हम सभी हितधारकों को एक साथ बैठने और समाधान निकालने का प्लेटफॉर्म जरूर दे सकते हैं।”

Tags:    

Similar News