Tirupati Laddu Row: प्रसाद के लिए घी सप्लाई करने वाली कंपनी का दावा- सामग्री क्वालिटी टेस्ट में पास

तमिलनाडु की कंपनी का कहना है कि उसके द्वारा बनाया गया घी तिरुपति मंदिर में भेजे जाने से पहले कड़े गुणवत्ता परीक्षणों से गुजरता है.

Update: 2024-09-20 10:38 GMT

Tirumala Temple Laddus Controversy: तिरुमाला मंदिर के लड्डुओं को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. ऐसे में प्रसाद के लिए घी सप्लाई करने वाली तमिलनाडु की कंपनी का कहना है कि उसके द्वारा बनाया गया घी आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में भेजे जाने से पहले कड़े गुणवत्ता परीक्षणों से गुजरता है. डिंडीगुल में एआर फूड्स के खाद्य सुरक्षा और मानक अधिकारियों ने द फेडरल को बताया कि घी ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के साथ-साथ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा आयोजित गुणवत्ता नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा परीक्षणों को पास किया है.

फर्म का दावा

कंपनी के गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी लेनी ने कहा कि कंपनी ने घी के नमूनों का परीक्षण कंटेनरों को टीटीडी को भेजने से पहले और बाद में भी किया, जो भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित पहाड़ी मंदिर की देखरेख करता है. उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रमाण-पत्र हैं. हमने घी के कंटेनरों के साथ एनएबीएल प्रमाण-पत्र भी भेजे थे. हमारे द्वारा सप्लाई किए गए नमूनों की टीटीडी में जांच की गई और उनमें भी कोई मिलावट नहीं पाई गई.

घी का परीक्षण

एआर फूड्स के एक अन्य गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी कन्नन ने कहा कि कंपनी ने टीटीडी को घी के चार टैंकर भेजे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास इन सभी टैंकरों से लिए गए नमूनों के प्रमाण पत्र हैं. FSSAI ने हमारे घी से भी नमूने लिए थे और उस परीक्षण में भी कोई मिलावट नहीं पाई गई. हमारे पास वह रिपोर्ट भी है. उन्होंने कहा कि एगमार्क प्रमाणन टीम ने भी नमूने लिए और हम उस परीक्षण में भी पास हो गए. हमारे घी उत्पाद में मिलावट का कोई सबूत नहीं है. हमारे पास सारे सबूत मौजूद हैं.

लड्डू विवाद

इस घी का उपयोग लड्डू बनाने में किया जाता है, जो पवित्र मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं. वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार के सत्ता में रहने के दौरान लड्डू बनाने में पशु चर्बी और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.

लैब रिपोर्ट

गुरुवार (19 सितंबर) को एक चौंकाने वाले खुलासे में एक प्राइवेट लैब की रिपोर्ट ने पुष्टि की कि प्रसिद्ध लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी और मछली का तेल था. पशु आहार तथा दूध और दूध उत्पादों के परीक्षण पर केन्द्रित तथा गुजरात के आणंद स्थित निजी प्रयोगशाला एनडीडीबी काल्फ की रिपोर्ट में पाया गया कि तिरुपति लड्डू बनाने में प्रयुक्त घी के नमूनों में वसा, ताड़ का तेल, मछली का तेल, गोमांस की चर्बी और लार्ड (जो सुअर के वसा ऊतकों से प्राप्त होता है) शामिल है.

टीटीडी ने रोकी घी आपूर्ति

वहीं, विवाद के बीच टीटीडी ने शुक्रवार कहा कि मंदिर निकाय को घी आपूर्ति करने वालों ने आंतरिक मिलावट जांच सुविधा की कमी का फायदा उठाया और बाहरी सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया. टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षणों से चयनित नमूनों में पशु चर्बी और लार्ड की उपस्थिति का पता चला है. घी की गुणवत्ता में भारी गिरावट मिली है. राव ने बताया कि लैब के टेस्ट से पता चला है कि नमूने में लार्ड (सुअर की चर्बी) की भी मिलावट थी. चारों नमूनों की रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए. इसलिए हमने तुरंत आपूर्ति रोक दी और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी. अब कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी.

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