कोलकाता बलात्कार-हत्या: पुलिस कमिश्नर से पूछताछ के विषय पर टीएमसी नेता आमने सामने
टीएमसी के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर रे ने सुझाव दिया कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर से भी सीबीआई को पूछताछ करनी चाहिए। टीएमसी के एक अन्य नेता कुणाल घोष ने इस पर असहमति जताई।
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-18 13:22 GMT
RG Kar Medical College Rape Cum Murder: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या के मामले में अब टीएमसी नेताओं के बीच ही बहस का दौर शुरू हो गया है. बहस का विषय है कि क्या कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल से सीबीआई को पूछताछ करनी चाहिए या नहीं? जहाँ एक ओर टीएमसी के वरिष्ठ नेता ने सीबीआई द्वारा पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने की मांग की है तो वहीँ दूसरे नेता ने इसका विरोध किया है.
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में शहर की पुलिस और अस्पताल प्रशासन द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा किया है. इस जघन्य अपराध की पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन की पृष्ठभूमि में, सीबीआई, जो वर्तमान में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच कर रही है, के बावजूद बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के नेता इस जांच को लेकर एकमत नहीं हैं.
महुआ मोइत्रा जैसे मुखर टीएमसी नेता इस अपराध के इर्द-गिर्द 'मिथकों और फर्जी प्रचार को तोड़ने' में लगे हुए हैं, वहीं वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे ने सुझाव दिया है कि शहर के पुलिस आयुक्त से भी सीबीआई को पूछताछ करनी चाहिए.
'निष्पक्षता से काम करें': रे
रविवार, 18 अगस्त को एक्स पर अपनी पोस्ट में, रे ने सीबीआई से "निष्पक्ष तरीके से काम करने" का आह्वान करते हुए कहा कि पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए. ताकि ये स्पष्ट हो सके कि आखिर किसने और क्यों आत्महत्या की कहानी गढ़ी? पीड़िता के माता-पिता को पहले अस्पताल प्रशासन ने सूचित किया था कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है.
रे ने अपनी पोस्ट में लिखा, "हॉल की दीवार क्यों गिराई गई? रॉय (गिरफ्तार आरोपी) को इतना शक्तिशाली बनाने के लिए किसने संरक्षण दिया, 3 दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया. ऐसे सैकड़ों सवाल हैं. उन्हें बोलने दीजिए."
हालांकि, रे की ये पोस्ट पार्टी में सभी को स्वीकार्य नहीं रही. टीएमसी नेता कुणाल घोष, जिन्होंने हाल ही में 'जहां बलात्कार नहीं होते' पूछकर विवाद खड़ा कर दिया था, ने पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने की रे की मांग का कड़ा विरोध किया.
सारदा चिटफंड घोटाले में आरोपी घोष ने कहा, "सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है. व्यक्तिगत रूप से, सीपी अपना काम कर रहे थे और जांच सकारात्मक दिशा में चल रही थी. इस तरह की पोस्ट दुर्भाग्यपूर्ण है, वो भी मेरे वरिष्ठ नेता की ओर से."
महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो गई
रे, जिन्होंने कहा कि उनकी एक बेटी और पोती भी है, उन चंद टीएमसी नेताओं में से एक थे, जिन्होंने घोषणा की थी कि वो बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर मध्य रात्रि में होने वाले राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.
रे ने एक्स पर कहा, "कल मैं प्रदर्शनकारियों में शामिल होने जा रहा हूं, खास तौर पर इसलिए क्योंकि लाखों बंगाली परिवारों की तरह मेरी भी एक बेटी और छोटी पोती है. हमें इस अवसर पर उठ खड़ा होना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो चुकी है. आइए हम सब मिलकर इसका विरोध करें। चाहे कुछ भी हो जाए."
रे को इस बात की कोई चिंता नहीं थी कि उनके इस रुख से पार्टी में उनकी स्थिति पर असर पड़ेगा। "कृपया मेरे भाग्य के बारे में चिंता न करें. मेरी रगों में एक स्वतंत्रता सेनानी का खून बहता है। मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है."
I also demand justice in RGKar case.
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) August 18, 2024
But strongly oppose this demand regarding CP. After got information He has tried his best. Personally CP was doing his job and investigation was in a positive focus. This kind of post is unfortunate, that too from my senior leader. https://t.co/quLVsUEXCd
मामले को लेकर टीएमसी में असंतोष
इस बीच, कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर टीएमसी के भीतर असंतोष की आवाज़ों को दबाया जा रहा है. जब तृणमूल नेता शांतनु सेन ने आरजी कर अस्पताल के कामकाज की आलोचना की, तो उन्हें पार्टी के प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया.
सेन, जो स्वयं भी एक डॉक्टर हैं, ने हाल ही में दावा किया था कि खुले तौर पर आलोचना करने के कारण उन्हें पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया है.
सेन ने कहा, "मैंने पार्टी या किसी नेता के खिलाफ कुछ नहीं कहा." और उन्होंने "पार्टी के समर्पित और सच्चे सिपाही" को अन्यायपूर्ण तरीके से दरकिनार किए जाने की शिकायत की, जबकि पार्टी छोड़कर जाने वाले अन्य लोगों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जा रहा है.
टीएमसी नेतृत्व को इस बात से परेशानी हुई कि सेन ने कहा कि पिछले तीन सालों से आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के बारे में शिकायतें मिल रही थीं. उन्होंने कहा कि "कुछ लोग स्वास्थ्य विभाग में क्या हो रहा है, इस बारे में मुख्यमंत्री को सही जानकारी नहीं दे रहे हैं."
सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. घोष से पूछताछ कर रही है, जिन्होंने डॉक्टर का शव मिलने के कुछ ही दिनों बाद इस्तीफा दे दिया था. डॉ. घोष से कई बार पूछताछ की जा चुकी है, जिसमें देर रात तक पूछताछ की गई है, और जांच जारी रहने के कारण उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
शहर की पुलिस और अस्पताल प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में है। इसकी शुरुआत तब हुई जब पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें उनकी बेटी की मौत के बारे में जो पहला फोन आया था, उसमें कहा गया था कि उसकी मौत आत्महत्या से हुई है।