केरल में बढ़ती हिंसा: आखिर क्रूरता के पीछे की वजह क्या है?

केरल को फिर से शांति की तरफ बढ़ना है तो कानून, मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक संरचनाएं और समाज की समग्र स्थिति सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा.;

Update: 2025-03-12 16:13 GMT

हाल के महीनों में केरल में हिंसक अपराधों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह समाज के कई गहरे संकटों को उजागर करती है. 25 फरवरी 2025 को तिरुवनंतपुरम जिले के 23 वर्षीय युवक अफान ने तीन घंटे के भीतर तीन गांवों में छह लोगों की हत्या की बात कबूल की. हालांकि, बाद में यह संख्या घटकर पांच हो गई. क्योंकि उसकी मां हमले से बच गईं. मृतकों में अफान के परिवार के सदस्य और उसकी प्रेमिका भी शामिल थी. इस जघन्य अपराध के पीछे प्रेम, वित्तीय असंतुलन और परिवार से सपोर्ट की कमी जैसी वजहें सामने आई हैं. यह घटना दिखाती है कि इस तरह की क्रूरता के पीछे मानसिक और सामाजिक तनाव का बड़ा हाथ हो सकता है.

वेनजारामूडू कांड और उसके पहलू

तिरुवनंतपुरम के वेनजारामूडू में हुई हत्याओं की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हुआ कि अफान ने शराब के अलावा किसी अन्य मादक पदार्थ का सेवन नहीं किया था और मानसिक स्वास्थ्य में कोई गंभीर समस्या नहीं थी. शुरुआती जांच में यह पाया गया था कि अफान ने अपने पिता की आर्थिक संकटों को सुलझाने के लिए कर्ज लिया था. लेकिन बाद में पिता ने इसका खंडन किया. उन्होंने बताया कि उसने केवल 5 लाख रुपये उधार लिए थे और बाकी 50 लाख का कोई हिसाब नहीं था. इसने पुलिस को एक नई दिशा में सोचने पर मजबूर किया कि अफान ने इस बड़ी रकम का क्या किया?

कोझीकोड में छात्र हत्या

28 फरवरी 2025 को कोझीकोड के MJHSS Elettil में 10वीं कक्षा के छात्र मोहम्मद शाहबाज पर GVHSS थमरसरी के छात्रों के बीच एक लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण हमला किया गया. यह विवाद एक ट्यूशन सेंटर में विदाई समारोह के दौरान शुरू हुआ था और बाद में हिंसक संघर्ष में बदल गया. शाहबाज को नंचाकू से हमला किया गया, जिससे उसे गंभीर सिर और आंखों की चोटें आईं. वह उसी दिन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के शिकार हो गए. इस हमले की पूर्व योजना व्हाट्सएप मैसेजों से उजागर हुई और पुलिस ने थमरसरी के छह छात्रों को गिरफ्तार किया. इस घटना के बाद थमरसरी और कोझीकोड में भारी विरोध-प्रदर्शन हुआ. छात्र संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए स्कूलों में बेहतर सुरक्षा के उपायों की भी वकालत की. पुलिस के साथ झड़पों ने इस तनाव को और बढ़ा दिया.

पलक्कड़ में दोहरा हत्याकांड

जनवरी 2025 में पलक्कड़ जिले के नेनमारा गांव में एक और जघन्य हत्या की घटना सामने आई, जिसमें 76 वर्षीय मीना लक्ष्मी और उनके 58 वर्षीय बेटे सुधाकरन की उनके पड़ोसी चेंथमारा ने हत्या कर दी. यह चेंथमारा पहले सुधाकरन की पत्नी की हत्या के मामले में सजा काट चुका था और हाल ही में पैरोल पर रिहा हुआ था. उसने अपने कृत्य का कारण अपनी व्यक्तिगत दुर्बलताओं और परिवार के सदस्य की ओर से मिली असहायता को बताया. गिरफ्तारी के बाद, उसने अदालत से खुद को 100 साल की सजा दिलवाने की मांग की.

केरल में बढ़ती नशे की लत

इन घटनाओं के पीछे एक और अहम कारण मादक पदार्थों का बढ़ता हुआ सेवन है. 20 जनवरी 2025 को कोझीकोड के अडिवारम में एक युवक ने अपनी 53 वर्षीय मां की हत्या कर दी. आरोपी ने इसे "जन्म देने की सजा" के रूप में बताया. क्योंकि वह उसका एकमात्र बच्चा था. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पास के एक घर से खंजर उठाया और अपनी मां की हत्या कर दी. यह घटनाएं दर्शाती हैं कि केरल में मादक पदार्थों का सेवन तेजी से बढ़ रहा है और यह युवा वर्ग में हिंसा को बढ़ावा दे रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि शराब और नशीले पदार्थों की सुलभता और सस्ते होने के कारण लोगों में आक्रामकता और हिंसा का स्तर बढ़ रहा है.

समाज में असंतुलन और मानसिक स्वास्थ्य

इन अपराधों से यह सवाल उठता है कि किसी को इतनी क्रूरता से हिंसा करने के लिए क्या कारण हो सकते हैं? समाज में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत तनाव इन घटनाओं के प्रमुख कारण बन रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक संघर्ष, बेरोजगारी और आर्थिक समस्याएं इन हिंसक प्रवृत्तियों को बढ़ावा दे रही हैं. केरल में जनवरी और फरवरी 2025 के बीच 70 हत्याएं हुईं, जिनमें से 65 परिवारिक विवादों से जुड़ी थीं. इनमें से 30 मामलों में हत्यारे परिवार के सदस्य थे. जबकि 17 मामलों में दोस्त और 3 मामलों में पड़ोसी शामिल थे. इसके अलावा 30 हत्याओं में शराब और मादक पदार्थों का सेवन पाया गया.

फिल्मों का प्रभाव

केरल में यह भी चिंता जताई जा रही है कि मलयालम फिल्मों में हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है. जो युवाओं के बीच हिंसक व्यवहार को प्रोत्साहित कर सकता है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मुद्दे पर फिल्म निर्माताओं से बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि फिल्मों में अपराध और हिंसा को नियंत्रित किया जा सके.

समाज में टूटते पारिवारिक ढांचे

इसके अलावा केरल में परिवारों के टूटने और सामाजिक संरचनाओं की गिरावट का भी बड़ा असर देखा जा रहा है. पारंपरिक परिवारिक मान्यताएं और आधुनिकता के बीच बढ़ता तनाव युवाओं को हिंसा की ओर धकेल रहा है. बेरोजगारी और आर्थिक संकट इस तनाव को और बढ़ा रहे हैं, जिससे लोग निराशा और गुस्से का शिकार हो रहे हैं.

बढ़ती हिंसा के कारण

यह घटनाएं सिर्फ केरल में नहीं, बल्कि देशभर में बढ़ती हिंसा और अपराध की प्रवृत्तियों को दर्शाती हैं. वरिष्ठ मानसिक चिकित्सक डॉ. सीजे जॉन का कहना है कि बच्चों और युवाओं को हिंसा, मादक पदार्थों और यौनिकता के प्रति आकर्षित करने वाला सामाजिक वातावरण बनाने के लिए माता-पिता और शिक्षकों को मिलकर काम करना होगा. इन समस्याओं से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है, जिसमें कानूनी कार्रवाई और सामाजिक सुधार दोनों शामिल हों. केरल को फिर से एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए राज्य सरकार, मीडिया और समाज को मिलकर काम करना होगा.

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