संभल का जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? आखिर इतना हंगामा है क्यों बरपा

उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे के दौरान तनाव भड़क गया. दरअसल कोर्ट के आदेश पर टीम सर्वे के लिए गई तो स्थानीय लोगों ने आगजनी और पथराव शुरू कर दिया.

Update: 2024-11-25 02:36 GMT

Sambhal Harihar temple: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे के दौरान तनाव भड़क गया. दरअसल हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि यह मस्जिद एक प्राचीन हरिहर मंदिर के ऊपर बनी है. वहीं, कोर्ट के आदेश पर टीम सर्वे के लिए गई तो स्थानीय लोगों ने आगजनी और पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई. बता दें कि यह साइट का दूसरा सर्वेक्षण था. क्योंकि एक याचिका में दावा आरोप लगाया गया था कि संभल में जामा मस्जिद उस भूमि पर स्थित है, जहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.

बता दें कि स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर किए जाने के बाद सर्वेक्षण का आदेश दिया गया था. याचिका में दावा किया गया था कि जामा मस्जिद एक प्राचीन हरिहर मंदिर के स्थल पर स्थित है. मामले में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि सिविल जज ने मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण करने के लिए एडवोकेट कमीशन को आदेश दिया था.

ऐतिहासिक दावे

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा का कहना है कि कोर्ट में दायर अपनी याचिका में उन्होंने उल्लेख किया है कि "बाबरनामा" और "आइन-ए-अकबरी" ने पुष्टि की है कि जिस स्थान पर अब जामा मस्जिद है, वहां कभी हरिहर मंदिर था. उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कर दिया था.

हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने घटनाक्रम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में आदेश दिया था कि 1947 से लेकर अब तक जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर ही रहेंगे.

वहीं, पिछले मंगलवार को कोर्ट द्वारा सर्वेक्षण का आदेश दिए जाने के बाद विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सिविल कोर्ट ने संभल में कथित जामा मस्जिद में एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वेक्षण का निर्देश दिया था, जिसे हरिहर मंदिर के नाम से जाना जाता था. उन्होंने कहा कि संभल में हरिहर मंदिर, हम सभी जानते हैं, हमारी आस्था का एक केंद्रीय हिस्सा है. यह एएसआई द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. एएसआई द्वारा संरक्षित क्षेत्र में किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है. वहां कई ऐसे चिह्न और प्रतीक हैं जो हिंदू मंदिर के हैं.

विष्णु शंकर ने दावा किया कि मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था. जैन ने बाद में एक्स पर पोस्ट किया कि "ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार संभल में होना है."

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