राशन घोटाला: ईडी ने बंगाल में 10 जगहों पर एकसाथ की छापेमारी

जाँच एजेंसी ने राजरहाट, बारासात, बशीरहाट, भांगर और देगंगा इलाकों में व्यापारियों और दो टीएमसी नेताओं के आवासों, मिलों और कार्यालयों पर छापेमारी की

Update: 2024-07-30 11:34 GMT

West Bengal ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले में 10 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापे मारी की. इस दौरान एजेंसी के अधिकारियों ने केंद्रीय बलों के साथ मिलकर राजारहाट, बारासात, बशीरहाट, भांगर और देगांगा इलाकों में व्यापारियों और दो टीएमसी नेताओं के आवासों, मिलों और कार्यालयों पर छापे मारे.

ईडी अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "चावल और आटा मिलों के साथ-साथ व्यापारियों के कार्यालय भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घोटाले में शामिल हैं. इनमें देगंगा में तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं की मिलें भी शामिल हैं, जिनकी तलाशी ली जा रही है."
उन्होंने बताया कि ईडी अधिकारियों ने एक तृणमूल कांग्रेस नेता के वाहन की भी तलाशी ली, जिसे राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है. मलिक को घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
सोना, कोयला और गौ तस्करी के मामलों में शामिल बशीरहाट के संग्रामपुर के एक अन्य व्यवसायी के परिसर की भी तलाशी ली गई.
उन्होंने कहा, "इस व्यवसायी ने राशन वितरण घोटाले के साथ-साथ सोना और ईंट भट्टा कारोबार में भी भारी मात्रा में धन लगाया था."

संयोग से, 2014 में इस व्यापारी को सोने की तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने घोटाले में कथित भूमिका के लिए ज्योतिप्रिय मलिक को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है, जो पहले खाद्य मंत्री थे.

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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