फिर 'दमघोंटू' हुई दिल्ली की आबोहवा, भारत का चौथा सबसे प्रदूषित शहर बना 'दिल्ली'

सर्दियों का मौसम शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को प्रदूषण का डर सताने लगता है. पूरे इलाके में प्रदूषण का स्तर 'काफी गंभीर' के स्तर को भी पार कर जाता है.

Update: 2024-10-18 11:46 GMT

Delhi NCR air pollution: सर्दियों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में तापमान में गिरावट आना लाजिमी है. हालांकि, सर्दियों का मौसम शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को प्रदूषण का डर सताने लगता है. पूरा इलाका ही सफेद धूंए की चादर में ढक जाता है और प्रदूषण का स्तर 'काफी गंभीर' के स्तर को भी पार कर जाता है. इसी बीच दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 292 दर्ज किया गया और इस तरह यह भारत का चौथा सबसे प्रदूषित शहर बन गया. इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली में ग्रेप का पहला चरण भी लागू कर दिया गया है. हालांकि, वायु प्रदूषण पर निगरानी रखने वाली एजेंसियों ने चेताया है कि रविवार तक वायु प्रदूषण का स्तर और भी बदतर होकर 'बहुत खराब' तक पहुंच सकता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शहर बहादुरगढ़ में AQI 314 दर्ज की गई, जो देश में सबसे खराब वायु गुणवत्ता थी. हरियाणा के कैथल में भी 306 का 'बहुत खराब' AQI दर्ज किया गया. वहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पानीपत, मेरठ और सोनीपत सहित NCR के अधिकांश शहरों में 'खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की गई.

सर्दियों की शुरुआत के साथ प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों से हवा में बदलाव और तापमान में गिरावट आने लगती है. इससे राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण संकट होने लगता है. ऐसे में GRAP का पहला चरण मंगलवार से शुरू हो चुका है. वहीं, AQI पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़ेगी. जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार, 15 सितंबर से 17 अक्टूबर के बीच कुल 2,508 फसल अवशेष मामले पाए गए, जो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में क्रमशः 1,289, 601, 610 और 8 थे. गुरुवार को 128 मामले सामने आए, जिनमें पंजाब में 77, हरियाणा में 28 और उत्तर प्रदेश में 23 मामले शामिल हैं. दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने वाली निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) ने शुक्रवार को दिखाया कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत बनी हुई है.

एनसीआर के शहरों का प्रदूषण में हिस्सा

DSS के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पड़ोसी एनसीआर क्षेत्रों, खासकर गौतम बुद्ध नगर से प्रदूषण के योगदान से दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर और असर पड़ने की उम्मीद है. गौतम बुद्ध नगर, फरीदाबाद और बुलंदशहर समेत एनसीआर क्षेत्रों से प्रदूषकों का योगदान गुरुवार से काफी बढ़ गया है. बुलंदशहर में बुधवार को 1 प्रतिशत से गुरुवार को 9 गुना वृद्धि हुई, फरीदाबाद में 0.5% से 8 गुना वृद्धि हुई और यह 4% हो गया तथा गौतम बुद्ध नगर में 3% से 4 गुना वृद्धि हुई और यह 12% हो गया. इसी दौरान झज्जर, सोनीपत, रोहतक, भागपत और गुड़गांव जैसे एनसीआर शहरों से प्रदूषकों के योगदान में कमी आई है. आईआईटीएम बुलेटिन के अनुसार, हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर स्थानांतरित हुई है. परिवहन क्षेत्र लगभग 12 प्रतिशत के साथ सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है. हालांकि, डीएसएस द्वारा मंगलवार को देखे गए 21 प्रतिशत से इसका योगदान कम हुआ है.

13 प्रदूषण हॉटस्पॉट

इस बीच आनंद विहार में शुक्रवार को एक्यूआई 348 के साथ 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. बुधवार को आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 400 के पार जाकर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई थी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को घोषणा की कि विशेष अभियानों के माध्यम से 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की निगरानी की जा रही है. राय ने कहा कि ग्रीन वॉर रूम के अधिकारियों ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए हैं और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की टीमें लगातार इलाकों का दौरा कर रही हैं.

दिल्ली में पहचाने गए 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट मुंडका, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, नरेला, वजीरपुर, द्वारका, रोहिणी, पंजाबी बाग, आर के पुरम, बवाना, विवेक विहार, ओखला और अशोक विहार हैं. शुक्रवार दोपहर तक प्रदूषण हॉटस्पॉट 'गंभीर' श्रेणी के करीब पहुंच गए थे. क्योंकि मुंडका में 380 AQI दर्ज किया गया था. CPCB के अनुसार पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और PM 10 प्रदूषकों के लिए निर्धारित मानक क्रमशः 60 µg/m3 और 100 µg/m3 हैं. हालांकि, 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट में से आठ में पीएम 10 प्रमुख प्रदूषक रहा, जो निर्धारित सीमा से कम से कम पांच गुना अधिक था और बाकी में पीएम 2.5 था, जो निर्धारित सीमा से सात गुना अधिक था.

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