'50 बम पंजाब पहुंच चुके हैं', प्रताप सिंह बाजवा के बयान पर सियासत गरमाई

विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर 50 बम वाले बयान पर केस दर्ज हुआ। पंजाब पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की थी।;

Update: 2025-04-14 04:52 GMT
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं प्रताप सिंह बाजवा

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर उस वक्त बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब उन्होंने दावा किया कि "50 बम पंजाब पहुंच चुके हैं", जिनमें से 18 फट चुके हैं और 32 अभी बाकी हैं। इस बयान के बाद 13 अप्रैल को पंजाब पुलिस की एक टीम ने बाजवा से पूछताछ की और फिर उनके खिलाफ देश की अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए मोहाली के साइबर क्राइम थाना में भारतीय न्याय संहिता की धारा 197(1)(d) और 353(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस को नहीं मिला कोई ठोस स्रोत

पुलिस टीम में शामिल एआईजी रवजोत कौर ग्रेवाल और एसपी हरबीर अटवाल बाजवा के आवास पहुंचे और उनसे जानकारी के स्रोत को लेकर सवाल किए। लेकिन बाजवा ने अपने स्रोतों का खुलासा करने से इनकार कर दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए यह जरूरी था कि जानकारी के स्रोत का पता लगाया जाए, लेकिन बाजवा ने कोई उपयोगी जानकारी नहीं दी।

क्या पाकिस्तान से हैं प्रत्यक्ष संबंध?

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाजवा के दावे पर कड़ा रुख अपनाया और सवाल किया कि क्या बाजवा के पाकिस्तान से सीधे संबंध हैं? उन्होंने कहा, "ना तो पंजाब पुलिस और ना ही किसी केंद्रीय एजेंसी ने ऐसी कोई जानकारी साझा की है। फिर बाजवा को यह कैसे पता चला?" मान ने चेतावनी दी कि अगर यह बयान सिर्फ दहशत फैलाने के लिए दिया गया है, तो यह गंभीर अपराध है और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

AAP सरकार पर लगाया बदले की राजनीति का आरोप

कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बाजवा को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। बाजवा ने कहा, "मुख्यमंत्री मान की प्राथमिकता पंजाब की सेवा नहीं, बल्कि राजनीतिक विरोधियों से बदला लेना है। आज की घटनाएं स्पष्ट रूप से सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण हैं।"

इंटरव्यू में बाजवा का दावा

एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बाजवा ने कहा था, “मेरे सूत्रों ने बताया है कि 50 बम पंजाब आ चुके हैं। इनमें से 18 बम फट चुके हैं और 32 बाकी हैं।” उन्होंने कहा कि यह जानकारी उन्हें दो दिन पहले मिली थी, जब उनके सूत्रों ने उन्हें आगाह किया कि वह खुद भी निशाने पर हो सकते हैं।

बाजवा बोले - 'मैं नहीं डरूंगा'

बाजवा ने स्पष्ट किया कि वह पुलिस जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं, लेकिन अपने स्रोतों का खुलासा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “अगर सरकार मेरे खिलाफ मामला दर्ज करना चाहती है तो उसका स्वागत है।” आगे कहा, “एक संवैधानिक पद पर रहते हुए मुझे संवेदनशील जानकारी मिलती है। मेरा कर्तव्य है कि जनता की सुरक्षा के हित में जानकारी साझा करूं, लेकिन मैं अपने स्रोत उजागर नहीं करूंगा।”

कांग्रेस नेताओं का समर्थन, सरकार पर हमला

पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं ने बाजवा के समर्थन में बयान देते हुए कहा कि बाजवा द्वारा साझा की गई जानकारी पहले से सार्वजनिक डोमेन में है और कई अखबारों में छप चुकी है। नेताओं ने हाल ही में हुए ग्रेनेड हमलों, बीजेपी नेता के घर धमाके, और डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्तियों के अपमान की घटनाओं की ओर सरकार का ध्यान खींचा।

हरपाल चीमा की फटकार

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बाजवा की आलोचना करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी संवेदनशील जानकारी पुलिस को दे ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रताप सिंह बाजवा के विस्फोटकों को लेकर किए गए दावे से पंजाब की राजनीति में हड़कंप मच गया है। जहां एक ओर सरकार इस बयान को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला मान रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच में आगे क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या बाजवा अपने स्रोतों को उजागर करते हैं या नहीं।

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