अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत की रणनीति: व्यापार समझौते और सुरक्षा उपाय

US tariffs: 10 प्रतिशत बेसलाइन शुल्क शनिवार से लागू हो गया है. लेकिन अन्य देशों, जिसमें भारत भी है, पर अतिरिक्त शुल्क 9 अप्रैल से लागू होंगे.;

Update: 2025-04-06 05:10 GMT

US retaliatory tariffs: अमेरिका ने 10 प्रतिशत ‘बेसलाइन’ प्रतिवादी शुल्क शनिवार से लागू कर दिया है. ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो भारत को अन्य देशों की तुलना में काफी फायदा मिल सकता है. क्योंकि भारत ने पहले ही अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता शुरू कर दी थी. इससे भारत को पहले कदम का लाभ मिल रहा है. अमेरिका में इन नए शुल्कों से कुल मांग प्रभावित हो सकती है. लेकिन भारत के लिए यह अच्छा है. क्योंकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग लागत कम है और वस्त्र की कीमतें भी सही हैं. इसका फायदा भारत को हो सकता है.

9 अप्रैल से शुल्क होंगे लागू

10 प्रतिशत बेसलाइन शुल्क शनिवार से लागू हो गया है. लेकिन अन्य देशों, जिसमें भारत भी है, पर अतिरिक्त शुल्क 9 अप्रैल से लागू होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाने का ऐलान किया है. इसके अलावा चीन, वियतनाम, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों पर और भी ज्यादा शुल्क लगाए गए हैं. इन देशों में बहुत सारा सामान बनता है, जिसके कारण भारत में डंपिंग की चिंता बढ़ गई है.

चीनी उत्पाद

चीन से ज्यादा उत्पाद भारत में आने की संभावना को लेकर अधिकारी ने कहा कि भारत इस स्थिति को ध्यान से देख रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो भारत अपने घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए कानूनी कदम उठाएगा. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) इस मुद्दे पर सतर्क है.

व्यापार वार्ता

भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है और यह पूरी प्रक्रिया "सब कुछ टेबल पर है". उन्होंने कहा कि अमेरिकी शुल्कों ने व्यापार वार्ताओं की गति को तेज किया है. भारत अब नए बाजारों की तलाश में है और साथ ही सात मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर बातचीत चल रही है. भारत-यूके व्यापार समझौते की वार्ताएं भी अच्छी तरह से चल रही हैं. FTA समझौते बनने में समय लगता है. ऐसे में धैर्य रखना होगा. जबकि कुछ अन्य देशों ने तुरंत प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है.

अमेरिका ने भारत पर प्रतिवादी शुल्क इसलिए लगाया, क्योंकि व्यापार घाटा था. भारत ने FY24 में अमेरिका के साथ 36.8 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष दर्ज किया. इस दौरान भारतीय निर्यात 77.5 अरब डॉलर का था. जबकि अमेरिका से निर्यात 40.7 अरब डॉलर का था. इस प्रकार भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार 120 अरब डॉलर का था.

WTO की सलाह

विश्व व्यापार संगठन (WTO) की महानिदेशक Ngozi Okonjo-Iweala ने शुक्रवार को कहा कि सभी देशों को WTO के मंच का इस्तेमाल करके आपस में सहयोग करना चाहिए. इससे व्यापार विवादों को बढ़ने से रोका जा सकेगा और एक खुला, स्थिर व्यापार वातावरण बनेगा. WTO के प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल को लगाए गए शुल्क और इस साल के शुरूआत में लागू किए गए अन्य शुल्कों के कारण वैश्विक व्यापार में 1 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है. यह अनुमान पहले के अनुमानों से लगभग चार प्रतिशत कम है.

Tags:    

Similar News