इज़राइल-ईरान तनाव चरम पर, 'खैबर' ने बढ़ाया खतरा

अमेरिकी बमबारी के जवाब में ईरान ने इज़राइल पर खैबर मिसाइल से भीषण हमला किया। इज़राइली एयर डिफेंस सिस्टम नाकाम रहा और डिमोना परमाणु संयंत्र पर गंभीर खतरा मंडराने लगा है।;

Update: 2025-06-22 09:36 GMT
ईरान का दावा है कि उसमे इज़राइल के खिलाफ खैबर मिसाइल का इस्तेमाल किया है। प्रतीकात्मक तस्वीर

Israel Iran War: अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों  फोर्डो, इस्फहान और नतांज़ पर हवाई हमले किए।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को सफल बताया और दावा किया कि इन स्थलों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है। अमेरिका के इस कदम के बाद ईरान ने पलटवार करते हुए इज़राइल पर भीषण मिसाइल हमला किया जिसने मध्य पूर्व के संघर्ष को एक बेहद खतरनाक दिशा में मोड़ दिया है।

ईरानी मीडिया ने खैबर बैलिस्टिक मिसाइल का वीडियो जारी किया है और दावा किया है कि इस मिसाइल ने इज़रायल के भीतर भारी तबाही मचाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार इज़राइली एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम, डेविड स्लिंग, और एरो-3 – इस मिसाइल को रोकने में असफल रहे हैं।

ईरान ने अब तक इज़रायल पर 400 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से कम-से-कम 40 को इज़रायल इंटरसेप्ट नहीं कर सका। अगर इन हमलों में वाकई में खैबर मिसाइल का प्रयोग हुआ है, तो यह अब तक की सबसे गंभीर चेतावनियों में से एक है।

क्या है खैबर मिसाइल की ताकत?

खैबर मिसाइल को खुर्रमशहर-4 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी रेंज 2000 किलोमीटर है और यह 1500 किलो से अधिक वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसमें MRV टेक्नोलॉजी है, जिससे एक मिसाइल कई दिशाओं में हमला कर सकती है। ईरान का यह भी दावा है कि यह मिसाइल हाइपरसोनिक है और उड़ान के दौरान भी दिशा बदल सकती है, जिससे इसे इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन हो जाता है।

इस मिसाइल का नाम खैबर उस ऐतिहासिक किले पर आधारित है जिसे 7वीं सदी में मुस्लिम सेनाओं ने यहूदियों से जीता था। यह नाम खुद में इज़राइल के लिए एक राजनीतिक और धार्मिक संकेत है।

डिमोना पर मंडरा रहा है खतरा 

अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ईरान इस मिसाइल को इज़रायल के डिमोना परमाणु केंद्र पर इस्तेमाल करता है, तो यह हमला क्षेत्रीय युद्ध को वैश्विक संकट में बदल सकता है। डिमोना इज़रायल की रणनीतिक परमाणु क्षमता का मुख्य केंद्र है और इस पर हमला एक सीधी परमाणु चुनौती होगी।

अब आगे क्या?

अभी यह साफ नहीं है कि ईरान के पास खैबर मिसाइलों की कुल संख्या कितनी है, लेकिन अगर यह संख्या बड़ी है, तो इज़रायल के लिए यह सबसे बड़ा सामरिक खतरा हो सकता है। मौजूदा हालात में अमेरिका, ईरान और इज़राइल के बीच तेज़ी से बिगड़ते संबंध मध्य पूर्व को युद्ध के कगार पर ला चुके हैं।

दुनियाभर की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि क्या यह टकराव यहीं रुकेगा या फिर आने वाले दिनों में यह पूर्ण युद्ध का रूप ले लेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह एक नाज़ुक कूटनीतिक क्षण है, जहां एक गलत कदम सब कुछ तबाह कर सकता है।

Tags:    

Similar News