तकनीक को पहले भी हथियार बना चुका है इजरायल, 52 साल पहले की वो खास घटना
इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में सामान्य धारणा है कि वो किसी भी ऑपरेशन फुलप्रूफ तरीके से अंजाम देते हैं।
Lebanon Explosion News: पेजर, गुजरे जमाने की बात हो चुकी थी। लोग भूल भी चुके थे। लेकिन लेबनान में 5 हजार पेजर में जब एक साथ विस्फोट हुए तो हर कोई सन्न था। क्या पेजर को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता। सामान्य समझ तो यही थी कि इसके जरिए संदेश भेजने का काम होता था। लेकिन पेजर अपने नए अवतार में आया। लेबनान के पेजर सीरियल ब्लास्ट के पीछे कौन जिम्मेदार है अभी रहस्य के आवरण में है। हिजबुल्ला (लेबनान का आतंकी संगठन) इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार बता रहा है हालांकि इजरायल की तरफ से जवाब ना तो हां ना तो ना में है। लेबनान में हालात ऐसे बन चुके हैं कि लोग दूसरे इलेक्ट्रानिक डिवाइस से बचने की कोशिश कर रहे। इन सबके बीच यहां पर हम बताएंगे कि इजरायल पहले भी तकनीक को हथियार बना अपने दुश्मन को मार चुका है।
फिलिस्तीनी समूह फतह के लिए समीह मलाबी काम करता था। ज्यादातर लोग उसे एक्टिविस्ट मानते थे। लेकिन इजरायल की नजरों में वो आतंकी था। साल 2000 में जब वो अपने सेल फोन को कान के करीब ले गया उसी वक्त धमाका कर मार डाला। इजरायल ने हालांकि मलाबी की हत्या में हाथ होने से इनकार किया था। लेकिन जिस तरीके से याह्या अयांश की हत्या हुई ठीक वैसे ही मलाबी को भी मारा गया था।