भारत पर टैरिफ लगाने की साजिश नाकाम होगी, पुतिन ने अमेरिका को चेताया
वाल्डई क्लब में पुतिन ने कहा भारत पर अमेरिकी टैरिफ नाकाम होंगे। मोदी की तारीफ की और चेतावनी दी– यूरोप ने उकसाया तो रूस देगा कड़ा जवाब।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वाल्डई क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका और यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ नाकाम साबित होंगे। पुतिन ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह के उकसावे पर रूस की प्रतिक्रिया कड़ी और निर्णायक होगी।
भारत और मोदी की सराहना
पुतिन ने भारत को स्वाभिमानी राष्ट्र बताते हुए कहा कि भारतीय लोग किसी के सामने अपमान स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, “मैं मोदी को जानता हूं, वे कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जो भारत की गरिमा को ठेस पहुंचाए।”
गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस से तेल आयात करने पर भारत पर कुल 50% टैरिफ लगा दिया है। बावजूद इसके भारत ने साफ कहा है कि वह अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए रूसी तेल की खरीद जारी रखेगा।
यूरोपीय नेताओं पर निशाना
पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर ‘युद्ध उन्माद’ फैलाने और NATO आक्रमण की झूठी आशंकाएं गढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने इन दावों को “हवा में से निकाली गई बकवास” बताया।राष्ट्रपति ने कहा कि रूस का NATO पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर यूरोप ने उकसाया तो जवाब कठोर और निर्णायक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस ने दो बार NATO में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया।
जर्मनी और यूरोप का सैन्यीकरण
पुतिन ने चेतावनी दी कि रूस यूरोप के बढ़ते सैन्यीकरण को अनदेखा नहीं कर सकता। उन्होंने जर्मनी की सेना को यूरोप की सबसे ताकतवर सेना बनाने की चर्चाओं पर चिंता जताई और कहा कि रूस हर गतिविधि पर नज़र रख रहा है।
"हमें उकसाया तो तगड़ा जवाब मिलेगा"
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने कहा कि रूस ने कभी सैन्य टकराव की पहल नहीं की, लेकिन अगर उसकी सुरक्षा, संप्रभुता और नागरिकों की शांति पर खतरा हुआ तो जवाब बेहद सख्त होगा। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि रूस कमजोरी नहीं दिखाएगा क्योंकि इससे अन्य देशों को गलत संदेश मिलेगा।
पश्चिमी देशों पर तीखा हमला
पुतिन ने पश्चिम पर आरोप लगाया कि वह रूस को काल्पनिक दुश्मन के रूप में प्रस्तुत कर यूरोप को अपने ही हितों के खिलाफ नीतियां अपनाने पर मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा, “यूरोपीय नेताओं को खुद भी भरोसा नहीं है कि रूस NATO पर हमला करेगा। या तो वे अयोग्य हैं या फिर जानबूझकर अपने नागरिकों को गुमराह कर रहे हैं।”पुतिन ने यूरोप को सलाह दी कि वे रूस से डरने के बजाय अपनी वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दें।
यूक्रेन युद्ध और ट्रंप का जिक्र
पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को एक “त्रासदी” बताया और कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप पहले ही सत्ता में आ गए होते तो यह युद्ध टल सकता था। उन्होंने ट्रंप की पश्चिम एशिया संबंधी पहलों को “सुरंग के अंत में रोशनी” बताया।
ब्रिक्स देशों की प्रशंसा
अपने भाषण के अंत में पुतिन ने ब्रिक्स देशों और अन्य सहयोगियों का आभार जताया, जिन्होंने रूस की शांति पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी ताकत ऐसी नहीं है जो सभी पर अपनी शर्तें थोप सके।इस बीच क्रेमलिन ने पुष्टि की है कि पुतिन दिसंबर में भारत आएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर बैठक में शामिल होंगे।