ईरान पर अमेरिका के हमले से उभरा वैश्विक संकट, दुनिया में हलचल
ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद वैश्विक विरोध तेज, यूएन ने चेताया कि स्थिति बेकाबू हो सकती है, वहीं ईरान ने कहा कि आत्मरक्षा के सभी विकल्प खुले हैं।;
Iran Israel War: दो दिन पहले की बात है जब व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा था कि ईरान के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप 15 दिन में फैसला लेंगे। लेकिन शनिवार की रात यानी 21 जून की राक अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों फोर्डो,इस्फहान और नटांज को निशाना बनाया। फोर्डो में बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया। यानी कि अब अमेरिका इस जंग में कूद चुका है। बता दें कि इज़राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के फैसले को साहसिक बताया तो स्वाभाविक था दुनिया के दूसरे मुल्कों की तरफ से भी प्रतिक्रिया आती। ईरान-इज़राइल जंग के बीच अमेरिकी दखल पर ईरान-चीन समेत कई देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ईरान
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरक़ची ने अमेरिकी हमलों को निंदनीय और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए कहा, आज सुबह जो हुआ वह अत्यंत घृणित है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि ईरान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आत्मरक्षा के सभी अधिकार सुरक्षित रखता है।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी अमेरिकी कार्रवाई को बर्बरता पूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन करार दिया। संगठन ने कहा कि यह राष्ट्रीय परमाणु उद्योग शहीदों के खून की विरासत है और इसे कोई नहीं रोक सकता।
चीन की चेतावनी
चीनी सरकारी मीडिया CGTN ने अमेरिकी हमले को "खतरनाक मोड़" बताते हुए आगाह किया कि मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप का इतिहास गंभीर अस्थिरता और दीर्घकालिक संघर्षों को जन्म देता है।CGTN ने कहा कि संवाद और कूटनीति ही स्थिरता का एकमात्र टिकाऊ मार्ग है।
संयुक्त राष्ट्र
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि स्थिति के और बिगड़ने पर नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए तबाही हो सकती है। उन्होंने दोहराया कि इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है, केवल कूटनीतिक रास्ता ही आगे का मार्ग है।
इज़राइल
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय मध्य पूर्व का भविष्य बदल देगा। उन्होंने कहा कि ईरान की परमाणु क्षमताओं को खत्म करने का इज़राइल का वादा अब पूरा हुआ।
हमास
फिलिस्तीनी संगठन हमास ने हमले को ईरान की संप्रभुता पर सीधी अमेरिकी आक्रामकता करार दिया और इसे अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बताया।
सऊदी अरब
सऊदी सरकार के आधिकारिक बयान में कहा गया। सऊदी अरब अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर गंभीरता से नजर रख रहा है।
ब्रिटेन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। अमेरिका ने खतरे को कम करने की दिशा में कदम उठाया है। उन्होंने ईरान से वार्ता में लौटने की अपील की।
अमेरिकी डेमोक्रेट्स
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति ट्रंप की कार्रवाई को असंवैधानिक और खतरनाक बताया।हाउस डेमोक्रेट नेता हकीम जेफ़्रीज़ ने कहा कि ट्रंप ने कांग्रेस से मंजूरी लिए बिना यह कदम उठाया और मध्य पूर्व को एक और युद्ध में झोंकने का खतरा बढ़ा दिया।
दूसरे देशों की प्रतिक्रियाएं
न्यूज़ीलैंड के विदेश मंत्री विन्सटन पीटर्स ने सभी पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की ओर लौटने की अपील की।जापान में प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों के साथ आपात बैठक बुलाई।दक्षिण कोरिया ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए आपात बैठक की घोषणा की।ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही तेहरान स्थित दूतावास को बंद कर अपने स्टाफ को निकाल लिया है।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक बड़ा वर्ग इस बात को लेकर चिंतित है कि ये हमले मध्य पूर्व संकट के एक नए और अप्रत्याशित अध्याय की शुरुआत कर सकते हैं।अब सबकी निगाहें इस ओर टिकी हैं कि क्या कूटनीति इस बार टकराव पर जीत पाएगी या दुनिया एक और विनाशकारी संघर्ष की ओर बढ़ेगी।