हार्ट अटैक रोकने में बेहद असरदार है किडनी और डायबिटीज की ये दवाई
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हार्ट अटैक रोकने में बेहद असरदार है किडनी और डायबिटीज की ये दवाई

किडनी और टाइप-2 डायबिटीज के 10 हजार मरीजों पर किए गए शोध में सामने आया है कि इनके इलाज के लिए दी गई एक खास दवा, हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को दूर करती है...


Kidney and Diabetes Treatment: हृदय रोग (Cardiovascular Disease) और स्ट्रोक (Stroke) जैसी गंभीर स्थितियों को रोकने के लिए हाल ही में एक नई उम्मीद सामने आई है। द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सोटाग्लिफ्लोज़िन (Sotagliflozin) नाम की दवा, जो टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और किडनी रोग (Kidney Disease) के इलाज के लिए उपयोग की जाती है ये दिल का दौरा (Heart Attack) और स्ट्रोक का खतरा कम करने में बेहद कारगर साबित हुई है...

सोटाग्लिफ्लोज़िन: क्यों है खास?

बाजार में इनपेफा (Inpefa) नाम से उपलब्ध ये दवाई, कार्डियोवैस्कुलर (Cardiovascular) बीमारियों के इलाज में एक नया अध्याय जोड़ रही है। सोटाग्लिफ्लोज़िन एक सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर (Sodium-Glucose Cotransporter या SGLT) इनहिबिटर है, जो SGLT1 और SGLT2 नाम के प्रोटीन (Proteins) को ब्लॉक करता है। ये प्रोटीन शरीर में ग्लूकोज (Glucose) और सोडियम (Sodium) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

अध्ययन के मुताबिक, यह पहली ऐसी दवा है, जो न केवल ब्लड शुगर (Blood Sugar) को नियंत्रित करती है बल्कि दिल के दौरे (Myocardial Infarction) और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम करती है। इसके ऐसे फायदे अभी तक किसी अन्य SGLT2 इनहिबिटर में नहीं देखे गए।

क्या कहता है अध्ययन?

इस अध्ययन में 10,000 से अधिक मरीजों को शामिल किया गया था, जो क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease), टाइप 2 डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर जोखिम (Cardiovascular Risk) से जूझ रहे थे। उन्हें सोटाग्लिफ्लोज़िन या प्लेसीबो (Placebo) दिया गया और 16 महीनों तक उनकी स्थिति की निगरानी की गई।

नतीजों में पाया गया कि सोटाग्लिफ्लोज़िन लेने वाले मरीजों में दिल का दौरा, स्ट्रोक और कार्डियोवैस्कुलर मौतों (Cardiovascular Deaths) का जोखिम 23% तक कम हुआ। खास बात यह है कि स्ट्रोक में कमी का लाभ केवल सोटाग्लिफ्लोज़िन में देखा गया अन्य SGLT2 इनहिबिटर्स में नहीं।

विशेषज्ञों की राय

स्टडी चेयर और प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) डॉ. दीपक एल. भट्ट ने कहा, "सोटाग्लिफ्लोज़िन का असर अन्य लोकप्रिय SGLT2 इनहिबिटर्स से अलग और अधिक प्रभावी है। इसका ड्यूल मैकेनिज्म (Dual Mechanism) - SGLT1 और SGLT2 रिसेप्टर्स को ब्लॉक करना - इसे एक नई दिशा में ले जाता है। दिल का दौरा और स्ट्रोक रोकने में यह दवा बेहद असरदार साबित हो सकती है।"

उन्होंने आगे कहा कि यह दवा डॉक्टरों को कार्डियोवैस्कुलर जोखिम वाले मरीजों के इलाज में एक नई संभावना देती है। "यह दवा न केवल डायबिटीज और किडनी रोग के इलाज में मदद करेगी बल्कि दिल की बीमारियों और स्ट्रोक को रोकने में भी एक क्रांतिकारी कदम है।"

मरीजों के लिए नई उम्मीद

दुनियाभर में दिल की बीमारियां (Heart Diseases) और स्ट्रोक मौत के सबसे बड़े कारण बने हुए हैं। उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), मोटापा (Obesity) और यहां तक कि कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) ने इन बीमारियों के मामलों को और बढ़ा दिया है। ऐसे में सोटाग्लिफ्लोज़िन जैसी दवा मरीजों के लिए राहत की खबर लेकर आई है।

यह दवा न केवल अस्पताल में भर्ती होने की दर को कम कर सकती है, बल्कि मरीजों की मृत्यु दर (Mortality Rate) को भी घटा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के इलाज में एक नए युग की शुरुआत कर सकती है।

क्या बदलेगा?

सोटाग्लिफ्लोज़िन का व्यापक उपयोग कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बढ़ते खतरे को रोकने में मदद कर सकता है। यह दवा हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी संबंधी जटिलताओं (Kidney-Related Complications) के जोखिम को कम करके समग्र स्वास्थ्य सुधार (Overall Health Improvement) में अहम भूमिका निभा सकती है।

नई खोजें हमेशा नई उम्मीदें लाती हैं। सोटाग्लिफ्लोज़िन इस बात का उदाहरण है कि कैसे वैज्ञानिक प्रगति बीमारियों को रोकने और जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह दवा न केवल मरीजों के लिए बल्कि स्वास्थ्य सेवा (Healthcare) के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकती है।

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