अब एयर इंडिया करने चली तुर्किये का बहिष्कार, रखरखाव सौदे पर करेगी पुनर्विचार
एयरलाइन के कुछ वाइड-बॉडी B777 और B787 के भारी रखरखाव का काम तुर्किये स्थित तुर्की टेक्निक द्वारा किया जाता है.;
Boycott Turkey : एयर इंडिया अपनी वाइड-बॉडी विमानों के भारी रखरखाव (Heavy Maintenance) के लिए अब तुर्की की कंपनी Turkish Technic पर निर्भर नहीं रहेगी। हालिया भू-राजनीतिक घटनाओं के मद्देनज़र एयरलाइन ने अपने रखरखाव कार्यों की रणनीति को पुनःसंयोजित करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी एयर इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने दी।
तुर्की-पाकिस्तान नज़दीकी और भारत विरोधी बयान
मई 2025 में तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन और भारत की आतंकवाद विरोधी सैन्य कार्रवाई की आलोचना के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया। 15 मई को, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की की कंपनी Celebi Airport Services India Pvt Ltd की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी।
इसके बाद 30 मई को, विमानन नियामक DGCA ने इंडिगो एयरलाइन को तुर्की एयरलाइंस से लिए गए दो Boeing 777 विमानों की डैम्प लीज़ पर अंतिम तीन महीने की छूट दी, जो 31 अगस्त तक वैध है। साथ ही निर्देश दिया गया कि इस अवधि के बाद लीज़ समाप्त की जाए।
एयर इंडिया की योजना: तुर्की पर निर्भरता घटेगी
कंपनी के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने बताया कि एयर इंडिया, तुर्की की बजाय अब अपने वाइड-बॉडी विमानों का रखरखाव अन्य देशों – जैसे मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्व एशिया और अमेरिका – में करवाने पर विचार कर रही है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में अभी इस स्तर की MRO (Maintenance, Repair and Overhaul) क्षमता विकसित होने में समय लगेगा।
विल्सन ने कहा,
“यह एक वैश्विक उद्योग है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा है। जब परिस्थितियाँ बदलती हैं, तो योजनाओं को समायोजित करने में समय लगता है। लेकिन हम राष्ट्रीय भावना और जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील हैं। इसलिए, हम यह ज़रूर ध्यान में रखेंगे कि देश हमसे क्या अपेक्षा करता है।”
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में एयर इंडिया के पास 191 विमानों का बेड़ा है, जिनमें 64 वाइड-बॉडी विमान शामिल हैं। इन विमानों में से कुछ – विशेषकर Boeing 777 और Boeing 787 – का भारी रखरखाव अभी भी Turkish Technic द्वारा किया जा रहा है।
एयर इंडिया ने संकेत दिया है कि वह तुर्की को भेजे जा रहे विमानों की संख्या में कटौती करेगी और अन्य विकल्पों की ओर रुख करेगी। हालांकि, यह बदलाव धीरे-धीरे किया जाएगा क्योंकि विमानों का समय-समय पर रखरखाव आवश्यक होता है।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और यह सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित की गई है)