फेस्टिव सीजन से पहले खाने का तेल हुआ महंगा, 31% तक बढ़ गए सरसों और सूरजमुखी तेल के दाम

जून में खाने तेल के दामों की महंगाई दर 17.75 फीसदी रही है यानी डबल डिजिट में. त्योहारी सीजन से पहले ही एडिबल ऑयल के दामों में उछाल देखा जा रहा है. सबसे ज्यादा सरसों तेल, सूरजमुखी का तेल, पॉम ऑयल और वनस्पति की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है.;

Update: 2025-07-15 09:19 GMT

फेस्ट्व Edible Oil Price Hike: जून महीने में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) साढ़े छह सालों के निचले लेवल 2.10 फीसदी पर तो खाद्य महंगाई दर नेगेटिव जोन -1.06 फीसदी पर आ चुकी है. इन आंकड़ों के मुताबिक भले ही खाद्य महंगाई में कमी आई हो लेकिन खाने के तेल यानी एडिबल ऑयल के दामों में हाल के दिनों में जोरदार उछाल देखा जा रहा है जो कि परेशानी का सबब बन सकता है. सरकारी डेटा के मुताबिक बीते एक साल में सूरजमुखी के तेल के दामों में 31 फीसदी और सरसों के तेल के दामों में करीब 27 फीसदी का उछाल आ चुका है.

फेस्टिव सीजन से पहले खाने का तेल हुआ महंगा

त्योहारी सीजन के दौरान खाने के तेल की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में फेस्टिव सीजन के आने से पहले ही एडिबल ऑयल के दामों में उछाल देखा जा रहा है. एडिबल ऑयल में सबसे ज्यादा सरसों तेल, सूरजमुखी का तेल, पॉम ऑयल और वनस्पति की कीमतों में तेजी आई है. 

31 फीसदी तक सरसों और सूरजमुखी का तेल हुआ महंगा

खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के डेटा के मुताबिक 14 जुलाई को रिटेल मार्केट में सरसों तेल के दाम 177.56 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंचा है जो कि एक साल पहले 140 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था. यानी एक साल में 27 फीसदी सरसों तेल महंगा हुआ है. एक महीने पहले 16 जून को 171.48 रुपये/किलो सरसों तेल का भाव था. सनफ्लावर ऑयल रिटेल मार्केट में 160.41 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है जो एक साल पहले 122.25 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था यानी 31.21 फीसदी सूरजमुखी का तेल महंगा हुआ है. पाम ऑयल 130.28 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है जो एक साल पहले 99.88 रुपये किलो में मिल रहा था यानी ये 30.44 फीसदी महंगा हुआ है. वनस्पति 156.41 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है जो एक साल पहले 124.2 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था. यानी इसकी कीमतों में 26 फीसदी का उछाल आया है. 



 

मुनाफे के लिए किसानों ने कर रखा है सरसों का स्टॉक

COOIT यानी सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने कहा, खाने के तेल में सबसे ज्यादा सरसों तेल के दामों में तेजी आई है. इसके कारणों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि, आने वाले फेस्टिव सीजन को ध्यान में रखते हुए किसानों ने ज्यादा मुनाफा बनाने के चक्कर में सरसों का ठीक ठाक स्टॉक अपने पास रखा हुआ है. सरसों के दामों में बढ़ोतरी के बाद इसे वे बाद में बाजार में रिलीज करेंगे. सुरेश नागपाल के मुताबिक, इसी के चलते सरसों तेल के दामों में उछाल देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा, किसानों के पास 35-40 लाख टन तो सरकार के पास 17-18 लाख टन सरसों का स्टॉक मौजूद है. इसे बाजार में जारी करने के बाद सरसों तेल के दामों की महंगाई से राहत मिल सकती है. पाम ऑयल और सूरजमुखी तेल के दामों में उछाल के लिए उन्होंने इंटरनेशनल कारणों को जिम्मेदार ठहराया है.

खाने के तेल की महंगाई दर 17.75 फीसदी पर

14 जुलाई को सांख्यिकी मंत्रालय ने महंगाई दर का डेटा जारी किया था जिसके मुताबिक जून महीने में खाद्य महंगाई दर नेगेटिव जोन -1.06 फीसदी पर आ चुकी है. लेकिन ऑयल एंड फैट्स की महंगाई दर 17.75 फीसदी रही है. मई महीने में भी ये 17.91 फीसदी रही थी. इन आंकड़ों से साफ है कि खाने के तेल के दामों की महंगाई बढ़ी है. 

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