HMPV से निवेशकों की धड़कन तेज, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट! 9.5 लाख करोड़ की चपत

एक्सपर्ट का मानना है कि HMPV ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई है. क्योंकि इस संक्रमण ने निवेशकों के लिए कोरोना काल की याद ताजा कर दी है.;

Update: 2025-01-06 10:39 GMT

Indian stock market: बेंगलुरु में 8 महीने का बच्चा HMPV से संक्रमित पाया गया है. ऐसे में कर्नाटक में इस वायरस का दूसरा मामला सामने आया है. इसी तरह गुजरात में भी संक्रमण का एक केस मिला है. इस खबर के सामने आते ही भारतीय शेयर बाजार 6 दिसंबर क्रैश हो गया. एक्सपर्ट का मानना है कि HMPV ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई है. क्योंकि इस संक्रमण ने निवेशकों के लिए कोरोना काल की याद ताजा कर दी है. इस वजह से आज सेंसेक्स और निफ्टी में तेज बिकवाली देखने को मिली. वहीं, शंघाई और हांगकांग के प्रमुख सूचकांकों में गिरावट के साथ एशियाई बाजारों में कमजोर रुझानों ने गिरावट को और बढ़ा दिया. 6 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर सेंसेक्स 1,379.81 अंक या 1.74 प्रतिशत गिरकर 77,843.30 पर कारोबार कर रहा था. वहीं, निफ्टी 428.40 अंक या 1.78 प्रतिशत गिरकर 23,576.35 पर था. इस दौरान लगभग 485 शेयर में तेजी देखी गई. जबकि, 3126 शेयरों में गिरावट रही. एक्सचेंज डेटा के अनुसार, इस गिरावट की वजह से आज निवेशकों की 9.5 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी.

खासकर टाटा स्टील और कोटक महिंद्रा बैंक सहित 30-शेयर ब्लू-चिप पैक में प्रमुख शेयरों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. जबकि टाइटन और बजाज फाइनेंस को कुछ फायदा हुआ.

गिरावट की वजह

एचएमपीवी

6 जनवरी को बाजार में हड़कंप मच गया. जब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने एचएमपीवी (HMPV) वायरस के दो मामलों का पता लगाया. दोनों ही बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में थे. पहला 3 महीने की बच्ची है. जबकि दूसरा 8 महीने का लड़का है. जो 3 जनवरी 2025 को उसी अस्पताल में भर्ती होने के बाद एचएमपीवी के लिए पॉजिटिव पाया गया था. हालांकि, दोनों में से किसी भी मरीज की इंटरनेशनल ट्रैवल की कोई हिस्ट्री नहीं है.

आय में उतार-चढ़ाव

बाजारों में गिरावट का दूसरा कारण तीसरी तिमाही के नतीजों से पहले की घबराहट को माना जा रहा है. जो 9 जनवरी को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ शुरू होगी. ताजा विदेशी फंड आउटफ्लो ने भी मंदी की भावना में योगदान दिया. मजबूत अमेरिकी डॉलर और उच्च मूल्यांकन के कारण बाजार में बिकवाली की भावना व्याप्त है. बाजारों की दिशा तीसरी तिमाही की आय से प्रभावित होगी.

मजबूत डॉलर

उभरते एशियाई मुद्राओं ने सोमवार को लचीले डॉलर के मुकाबले गति के लिए संघर्ष किया. जबकि शेयर बाजारों (share market) में मिलाजुला रुख रहा. क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व के दर परिदृश्य पर अधिक स्पष्टता प्राप्त करने के लिए इस सप्ताह अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों की झड़ी का इंतजार कर रहे थे. चीनी युआन 16 महीने के निचले स्तर पर आ गया. क्योंकि ट्रंप टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, 6 जनवरी को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया डॉलर की व्यापक बोलियों के दबाव में अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 85.82 पर आ गया.

व्यापक बिकवाली

सभी क्षेत्रों को बिकवाली का खामियाजा भुगतना पड़ा. इसमे धातु, एफएमसीजी (GMCG), पीएसयू (PSU) बैंक के शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट आई.

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