भारत साल 2032 तक बनेगा 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी, अमेरिका-चीन को छोड़ेगा पीछे! रिपोर्ट में खुलासा

आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

Update: 2024-09-21 18:05 GMT

India become 10 Trillion Dollar Economy: देश की अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी देखी जा रही है. अब भारत की इकोनॉमी पर वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ तक भरोसा जता रहे हैं. देश की यही रफ्तार बरकरार रही तो भारत आने वाले वर्षों में 5 नहीं, बल्कि 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है.

आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले 6 वर्षों में हर 18 महीने में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़ने के लिए तैयार है. इस गति के साथ देश 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. यानी कि साल 2030 तक भारत खुद को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित कर लेगा. रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को भी पीछे छोड़ देगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 1.5 साल में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़कर भारत को अगले छह वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने का अनुमान है. भारत की यह तेज गति की वृद्धि खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कारण होगी. जिसका सकल मूल्य वर्धित (GVA) में 32% योगदान का अनुमान है. "मेक इन इंडिया" जैसी प्रमुख पहलों से देश की विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने और भारत को दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.

बता दें कि साल 1947 से 2010 तक भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने में 63 साल लग गए. लेकिन देश ने 2017 तक 2 ट्रिलियन डॉलर और 2020 तक 3 ट्रिलियन डॉलर हासिल कर लिया, जो पिछले एक दशक के भारत के डेवलपमेंट को दर्शाता है.

रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि COVID-19 महामारी के कारण भारत के अर्थव्यवस्था की गति थोड़ी धीमी हुई, जिससे 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने की समयसीमा 2024 के अंत तक बढ़ गई. भारत अब आने वाले वर्षों में तेजी से विकास के लिए तैयार है. साल 2024 और 2032 के बीच भारत के 10 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने का अनुमान है, जिसे मैन्युफैक्चरिंग में मजबूत मांग, मजबूत एक्सपोर्ट क्षमता और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं जैसी सहायक सरकारी नीतियों से बढ़ावा मिलेगा.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में अमेरिका, चीन, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों को पछाड़ते हुए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आगे निकल जाएगा. भारत में नीतिगत सुधारों और अनुकूल कारोबारी माहौल के सहारे इसी तरह बढ़ने की क्षमता है.

रिपोर्ट में भारत की बढ़ती एक्सपोर्ट क्षमता पर भी प्रकाश डाला गया है. अनुमान लगाया गया है कि साल 2030 तक एक्सपोर्ट कुल जीडीपी का 25% होगा, जो 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा. यह 2000 में 61 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2024 तक 776.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की पर्याप्त वृद्धि को दर्शाता है.

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