घटता व्यापार घाटा, बढ़ती निर्यात शक्ति: भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत

India export target: भारत मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) के अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है. हाल में यूके और यूएई के साथ हुए समझौते भारतीय निर्यातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं.;

Update: 2025-07-15 13:55 GMT

India trade deficit 2025: भारत का व्यापार घाटा जून 2025 में घटकर 18.78 अरब डॉलर रह गया, जबकि मई 2025 में यह 21.88 अरब डॉलर था. सरकार द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, रॉयटर्स पोल में अर्थशास्त्रियों ने जून के लिए व्यापार घाटे का अनुमान 22.24 अरब डॉलर लगाया था, जो वास्तविक आंकड़े से कहीं अधिक है.

यह डेटा ऐसे समय पर सामने आया है, जब भारत, अमेरिका और अन्य वैश्विक भागीदारों के साथ व्यापारिक वार्ताओं को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ चेतावनियों के बावजूद अप्रैल–मई 2025 में अमेरिका को भारत का निर्यात 17.25 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के 14.17 अरब डॉलर से अधिक है.

FY26 के लिए $1 ट्रिलियन निर्यात लक्ष्य

सरकार FY26 (वित्त वर्ष 2025–26) तक $1 ट्रिलियन के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रही है. FY25 में भारत का कुल निर्यात $824.9 अरब तक पहुंच गया, जो FY24 के $778.1 अरब की तुलना में 6.01% की वृद्धि दर्शाता है. सरकार का जोर संरचनात्मक सुधारों, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजनाओं (PLI) और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में भारत की भागीदारी बढ़ाने पर है.

PLI योजना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा

इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर EV बैटरियों तक 14 प्रमुख क्षेत्रों को शामिल करने वाली PLI योजना को विस्तार दिया जा रहा है. इन प्रयासों का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना, घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाना और भारत को वैश्विक आपूर्ति नेटवर्क में सशक्त बनाना है.

FTA नेटवर्क का विस्तार

भारत मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) के अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है. हाल में यूके और यूएई के साथ हुए समझौते भारतीय निर्यातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं. अमेरिका के साथ भी समझौते की बातचीत जारी है. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने CII शिखर सम्मेलन में कहा कि FTA अब जीसीसी (वैश्विक वाणिज्य सहयोग) पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक बन गए हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि मैन्युफैक्चरिंग की तुलनात्मक श्रेष्ठता अब देशों के बीच व्यापार का मानक नहीं रही. भारत–यूके FTA में "इनोवेशन" पर एक विशेष अध्याय शामिल है, जो भारत के नवाचार गलियारों को मजबूती प्रदान करेगा.

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