चीन से इंपोर्ट में 11 फीसदी बढ़ोतरी, इन चीजों का सबसे अधिक आयात

भारत की चीन पर आयात की निर्भरता कम होने की बजाय बढ़ी ही है. इसमें सबसे ज्यादा योगदान कंप्यूटर, टेलीकॉम पार्ट्स और उनके कलपुर्जों का रहा है.

Update: 2024-10-28 06:34 GMT

india-china trade 2024: भारत अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं लागू कर ला रहा है. देश का मकसद चीन के आयात पर निर्भरता कम करना है और अपने विदेशी निर्य़ात को बढ़ावा देना है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार भारत की चीन पर आयात की निर्भरता कम होने की बजाय बढ़ी ही है. इसमें सबसे ज्यादा योगदान कंप्यूटर, टेलीकॉम पार्ट्स और उनके कलपुर्जों का रहा है. हालांकि, दवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स में कमी देखी गई है.

अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत में चीनी आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि में 42 बिलियन डॉलर से 11% बढ़कर 46.6 बिलियन डॉलर हो गया है. इसमें से 1.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि कंप्यूटर और मशीनरी के शिपमेंट के कारण हुई है और अन्य 3.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि भारत में आने वाली विद्युत मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार वस्तुओं के कारण हुई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन चीजों का चीन से भारत के आयात का 83.8% हिस्सा है और अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान औसतन 14.7% की वृद्धि देखी गई. अप्रैल-अगस्त 2024 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा एक साल पहले के 35.7 बिलियन डॉलर के मुकाबले बढ़कर 40.8 बिलियन डॉलर हो गया है. क्योंकि आयात में बढ़ोतरी देखी गई और निर्यात 8% गिरकर 6.3 बिलियन डॉलर हो गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, विशिष्ट उत्पादों में एकीकृत सर्किट, माइक्रो-असेंबली और मेमोरी 49% बढ़कर 3.5 बिलियन डॉलर हो गई. एक सेगमेंट के रूप में मोबाइल कलपुर्जों और फोन में 63% की वृद्धि हुई और यह 2.7 बिलियन डॉलर हो गया, जिसमें से अधिकांश भारत में फोन के निर्माण में जाने वाले भागों के कारण देखा गया. एक श्रेणी के रूप में चीन से स्मार्टफोन का आयात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान घटकर 76 मिलियन डॉलर रह गया है. जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 187 मिलियन डॉलर था.

इसी तरह सोलर मॉड्यूल, सेल और पैनल का आयात 50% बढ़कर 1.1 बिलियन डॉलर हो गया है. एंटीबायोटिक्स के मामले में अच्छी खबर यह रही कि इनका आयात 700 मिलियन डॉलर से थोड़ा ज़्यादा रहा. जबकि लिथियम आयन सेल का आयात 20% घटकर 837 मिलियन डॉलर रह गया. इलेक्ट्रॉनिक्स और दवाइयां उन दो उत्पाद खंडों में से हैं, जहां सरकार ने चीनी आयात पर निर्भरता कम करने की कोशिश की है.

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