भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट: सेंसेक्स और निफ्टी 1% से अधिक टूटे
भारतीय शेयर बाजार मौजूदा समय में वैश्विक और घरेलू कारकों से प्रभावित है। आईटी सेक्टर की कमजोरी और अमेरिकी नीति की अनिश्चितता बाजार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.
Indian Share Market : गुरुवार को भारतीय इक्विटी बाजारों में तेज गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1,272 अंकों की गिरावट के साथ 78,962 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 386 अंक टूटकर 24,000 के महत्वपूर्ण स्तर के नीचे बंद हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर कमजोर संकेत, विशेष रूप से आईटी सेक्टर में भारी बिकवाली और अमेरिकी ब्याज दरों से जुड़ी अनिश्चितता को माना जा रहा है।
प्रमुख घटनाएं और कारण
1. वैश्विक अनिश्चितता
अमेरिकी मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों ने यह संकेत दिया कि वहां ब्याज दरों में कटौती की रफ्तार अपेक्षा से धीमी हो सकती है। इससे भारतीय बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
2. आईटी शेयरों में गिरावट
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों, जैसे इंफोसिस, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक के शेयरों में 3-4% की गिरावट देखी गई। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी और कमजोर मांग के कारण इस क्षेत्र पर दबाव बढ़ा है। निफ्टी आईटी इंडेक्स 2.3% गिरकर बंद हुआ।
3. विदेशी निवेशकों की सतर्कता
हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने खरीदारी बढ़ाई थी, लेकिन गुरुवार को उनकी गतिविधियों में गिरावट देखी गई। नवंबर में अब तक एफआईआई ने शुद्ध रूप से 15,845 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे बाजार में कमजोरी बनी हुई है।
4. एशियाई बाजारों का दबाव
एशियाई शेयर बाजारों में कमजोरी और अमेरिका में मंदी की आशंका ने भारतीय बाजारों की धारणा को प्रभावित किया।
चमकते सितारे: अडानी समूह
जहां अधिकतर शेयर गिरावट में रहे, वहीं अडानी समूह की कंपनियों में उछाल देखने को मिला। अमेरिकी आरोपों को खारिज करने के बाद अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी टोटल गैस, और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 8-9% तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
ये बात गौर करने वाली है कि बीते दिनों जिस तरह से अमेरिका में घूस देने के आरोप की वजह से अडानी समूह के शेयरों में गिरावट दर्ज की जा रही थी तो वहीँ बुधवार को जब कंपनी की तरफ से ये दावा किया गया कि अमेरिका में दर्ज किये गए मामले में गौतम अडानी आदि का नाम नहीं है, तो अडानी समूह के शेयरों में उछाल आया, जो गुरूवार को भी देखा गया.
डर का माहौल बढ़ा
वोलाटिलिटी इंडेक्स (इंडिया VIX) 4% बढ़कर 15.22 पर पहुंच गया, जो बाजार में बढ़ती अनिश्चितता और निवेशकों की सतर्कता को दर्शाता है।
आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अगले कुछ दिनों तक उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों को छोटे अवधि के जोखिमों से बचते हुए लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार मौजूदा समय में वैश्विक और घरेलू कारकों से प्रभावित है। आईटी सेक्टर की कमजोरी और अमेरिकी नीति की अनिश्चितता बाजार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों, जैसे अडानी समूह, में सकारात्मक रुझान देखने को मिला है, जो बाजार के लिए उम्मीद की किरण है।