जनसंख्या वृद्धि की वजह से भारत को 2030 तक 148 मिलियन जॉब करनी होंगी पैदा: IMF के गोपीनाथ

आईएमएफ की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि रोजगार सृजन के मामले में भारत जी-20 देशों में पिछड़ा हुआ है.

Update: 2024-08-17 16:07 GMT

IMF Gita Gopinath: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने शनिवार को कहा कि रोजगार सृजन के मामले में भारत जी-20 देशों में पिछड़ा हुआ है और जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए देश को 2030 तक 14.8 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित करने की जरूरत है.

दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डायमंड जुबली समारोह में उन्होंने कहा कि 2010 से शुरू हुए दशक में भारत की औसत वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रही. लेकिन रोजगार दर 2 प्रतिशत से कम रही. भारत की रोजगार दर अन्य जी-20 देशों की तुलना में काफी कम है.

उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि के संदर्भ में भारत के अनुमानों को देखें तो भारत को अब से 2030 के बीच संचयी रूप से 60 मिलियन से 148 मिलियन अतिरिक्त नौकरियां पैदा करनी होंगी. हम पहले से ही 2024 में हैं. इसलिए हमें कम समय में बहुत सारी नौकरियों का सृजन करना होगा. जरूरत के पैमाने को देखते हुए, इसमें भूमि सुधार और श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन सहित बुनियादी सुधारों की आवश्यकता होगी.

उन्होंने कहा कि अधिक रोजगार सृजन के लिए निजी निवेश में वृद्धि की आवश्यकता है. क्योंकि यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7 प्रतिशत की वृद्धि के अनुरूप नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश अच्छा चल रहा है. लेकिन निजी निवेश में सुधार करना होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करना चाहिए, ताकि वह अपने कार्यबल के कौशल में सुधार कर सके. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कारोबार को और आसान बनाने, नियामकीय माहौल में सुधार लाने तथा कर दायरा बढ़ाने की जरूरत है.

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