जीएसटी काउंसिल की 3-4 सितंबर को होने वाली बैठक में मिलेगी सौगात! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दे दिए संकेत
वित्त मंत्री ने कहा, इसके साथ ही, आने वाले महीनों में प्रस्तावित नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधार, जिन पर चर्चा के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक कल और परसों होगी, अनुपालन का बोझ और कम करेंगे. इससे छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ने में आसानी होगी.;
जीएसटी काउंसिल की बैठक 3 और 4 सितंबर को होने वाली है. बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले महीनों में जीएसटी से जुड़े नए सुधार लागू होंगे. इन सुधारों से नियमों का पालन करना और आसान होगा और छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा.
जीएसटी काउंसिल की 3 और 4 सितंबर को बैठक
चेन्नई में सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में “नेक्स्ट-जेनरेशन रिफॉर्म्स के लिए टास्क फोर्स” बनाने की घोषणा की है. इसका मकसद है—नियमों को आसान बनाना, खर्च कम करना और स्टार्टअप्स, छोटे उद्योगों और कारोबारियों के लिए बेहतर माहौल तैयार करना. वित्त मंत्री ने कहा, इसके साथ ही, आने वाले महीनों में प्रस्तावित नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधार, जिन पर चर्चा के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक कल और परसों होगी, अनुपालन का बोझ और कम करेंगे. इससे छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ने में आसानी होगी.
जीएसटी स्लैब घटाने पर होगा विचार
जीएसटी रिफॉर्म्स और खासतौर से जीएसटी स्लैब रेट में बदलाव के लिए जीएसटी काउंसिल की 3 और 4 सितंबर को महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. बैठक में जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने को लेकर फैसला लिए जाने की उम्मीद है. 21 अगस्त 2025 को जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए जीएसटी काउसिंल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह ने चार की जगह दो जीएसटी रेट वाले स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. 12 फीसदी और 28 फीसदी का स्लैब खत्म हो जाएगा. Sin Goods, लग्जरी आईटम्स और ऑनलाइन गेमिंग पर 40 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.
मंत्रियों के समूह ने अपनी सिफारिश जीएसटी काउंसिल को सौप दिया है जिस पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी. मंत्रियों के समूह ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट को मौजूदा 18 फीसदी से घटाने की सिफारिश कर दी है. लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी रेट 5 फीसदी रहेगा या Nil, इसपर फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा.
मिडिल क्लास से लेकर कारोबारियों को राहत
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जीएसटी के स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए मिडिल क्लास से लेकर आम लोगों को गुड्स और सर्विसेज पर लगने वाले टैक्स से राहत देने का एलान किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल की दीवाली बंपर होने वाली है. सरकार की कोशिश है कि आम आदमी को राहत देने के लिए खाने-पीने के आईट्म्स, दवाइयाँ, मेडिकल उपकरण, कृषि मशीनें, स्प्रिंकलर, शिक्षा से जुड़ी वस्तुएं और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों पर शून्य या 5% जीएसटी स्लैब में रखा जाए.
आकांक्षी क्लास के इस्तेमाल की चीजें जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन पर फिलहाल 28% जीएसटी लगता है उसे घटाकर 18% किया जा सकता है. 12% स्लैब में जो गुड्स और सर्विसेज आती हैं उनमें से 99% को 5% स्लैब में डाला जाएगा. 28% स्लैब में आने वाले गुड्स में से 90% गुड्स को 18% स्लैब में डाले जाने को लेकर जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला लिए जाने की उम्मीद है.
डिमांड और खपत बढ़ाना है मकसद
जानकारों का मानना है कि जीएसटी कम्पंसेशन सेस (GST Compensation Cess) को खत्म करने पर फैसला लिया जाएगा जिससे सरकार को 20 अरब डॉलर (लगभग ₹1.6 लाख करोड़) की बचत होगी. ऐसे में जीएसटी रेट घटाकर लोगों को राहत जी जा सकती है. सरकार जीएसटी रिफॉर्म्स के जरिए डिमांड और खपत बढ़ाना चाहती है.