केंद्र ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया, 15 केंद्रीय मंत्रियों को बनाया गया सदस्य
एनडीए सहयोगी दलों के नेता जैसे जेडी(एस) के एचडी कुमारस्वामी, एचएएम के जीतन राम मांझी, जेडी(यू) के राजीव रंजन सिंह और टीडीपी के किंजरापु राममोहन नायडू थिंक टैंक का हिस्सा हैं
NITI Ayog : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संसथान ( NITI ) आयोग का पुनर्गठन किया है, जिस पर अंतिम फैसला मंगलवार ( 16 जुलाई ) को लिया गया. आयोग में 4 पूर्णकालिक सदस्य और 15 केन्द्रीय मंत्री ( सिर्फ बीजेपी से नहीं बल्कि एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगी दलों से भी) शामिल रहेंगे. मंत्रियों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अर्थशास्त्री सुमन के. बेरी क्रमशः इस निकाय के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे.
वैज्ञानिक वी.के. सारस्वत, कृषि अर्थशास्त्री रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वी.के. पॉल और मैक्रो-अर्थशास्त्री अरविंद विरमानी भी सरकारी थिंक-टैंक के पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे.
आमंत्रित सदस्य
NITI योग में चार एक्स ऑफशियो सदस्य के तौर पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (रक्षा), अमित शाह (गृह), शिवराज सिंह चौहान (कृषि) और निर्मला सीतारमण (वित्त) होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि मोदी ने नीति आयोग के संशोधित गठन को मंजूरी दे दी है. पुनर्गठित नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (सड़क परिवहन और राजमार्ग), जगत प्रकाश नड्डा (स्वास्थ्य), एचडी कुमारस्वामी (भारी उद्योग और इस्पात), जीतन राम मांझी (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी) होंगे.
अन्य विशेष आमंत्रित सदस्यों में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता), किंजरापु राममोहन नायडू (नागरिक उड्डयन), जुएल ओराम (जनजातीय मामले), अन्नपूर्णा देवी (महिला एवं बाल विकास), चिराग पासवान (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) और राव इंद्रजीत सिंह (सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन) शामिल हैं.
कुमारस्वामी एनडीए सहयोगी जेडी(एस) से हैं, मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से हैं, राजीव रंजन सिंह जेडी(यू) से हैं, नायडू टीडीपी से हैं और पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से हैं.
थिंक टैंक की भूमिका
राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान, जिसे 'नीति आयोग' के नाम से जाना जाता है, का गठन 2015 में किया गया था, जब मोदी सरकार ने 65 वर्ष पुराने योजना आयोग को समाप्त करने का निर्णय लिया था.
आयोग ने फेसबुक पोस्ट में कहा, "समग्र विकास और नवाचार के दृष्टिकोण को अपनाते हुए नीति आयोग परिवर्तनकारी पहलों की यात्रा पर है, जो भारत के भविष्य को फिर से परिभाषित करने का वादा करता है."
सरकार ने मंत्रिपरिषद में बदलाव के बाद नीति आयोग का पुनर्गठन किया है.