भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध लगाया
आतंकी हमले के बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें अटारी भूमि-परिवहन चौकी को तुरंत बंद करना शामिल है, जो कुछ प्रकार के सामानों की आवाजाही के लिए उपयोग की जाती थी।;
Import Ban: पुलवामा हमले के बाद भारत पकिस्तान के बीच पनपे तनाव को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। एक सरकारी आदेश के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में भारत ने ये कदम उठाया है। यह निर्णय पाकिस्तान से भारत आने वाले सभी सामानों की आपूर्ति को पूरी तरह से रोक देगा। अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान भारत ने पाकिस्तान को 447.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया, जबकि आयात केवल 0.42 मिलियन डॉलर का था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की अधिसूचना
डीजीएफटी ने 2 मई की अधिसूचना में कहा कि विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत पाकिस्तान से उत्पन्न या निर्यातित सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन को अगले आदेश तक प्रतिबंधित किया गया है। DGFT ने बताया कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। इस प्रतिबंध से कोई भी अपवाद केवल भारत सरकार की अनुमति से ही संभव होगा। FTP को भारत की तरफ से ये कहा गया है कि "पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध" रहेगा:
"पाकिस्तान से उत्पन्न या निर्यातित सभी वस्तुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या नहीं, अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित रहेगा।"
व्यापार ठप
2024-25 की अप्रैल-जनवरी अवधि में पाकिस्तान से प्रमुख आयातों में फल और मेवे (0.08 मिलियन डॉलर), कुछ तिलहन और औषधीय पौधे (0.26 मिलियन डॉलर), और जैविक रसायन शामिल थे। यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित करने और 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की है। इन कदमों के चलते भारत-पाकिस्तान व्यापार पहले ही पूरी तरह से रुक चुका है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद 2019 में दोनों देशों द्वारा उठाए गए कदमों के बाद व्यापार पहले ही बहुत कम हो गया था।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की है, जिसमें किसी तीसरे देश के माध्यम से होने वाला व्यापार भी शामिल है। 2023-24 में भारत ने पाकिस्तान को 1.18 बिलियन डॉलर का निर्यात और 2.88 मिलियन डॉलर का आयात किया। 2022-23 और 2021-22 में भारत ने क्रमशः 627.1 मिलियन डॉलर और 513.82 मिलियन डॉलर का निर्यात और 20.11 मिलियन डॉलर और 2.54 मिलियन डॉलर का आयात किया। 2024-25 की अप्रैल-जनवरी अवधि में जैविक रसायन और दवा उत्पादों का पाकिस्तान को कुल निर्यात में लगभग 60% हिस्सा रहा, जो क्रमशः 129.55 मिलियन डॉलर और 110.06 मिलियन डॉलर था। अन्य वस्तुओं में चीनी और उससे बने उत्पाद (85.16 मिलियन डॉलर), कुछ सब्जियां (3.77 मिलियन डॉलर), कॉफी, चाय और मसाले (1.66 मिलियन डॉलर), अनाज (1.39 मिलियन डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (11.63 मिलियन डॉलर), उर्वरक (6 मिलियन डॉलर), प्लास्टिक (4.16 मिलियन डॉलर), रबर (1.88 मिलियन डॉलर) और ऑटो पार्ट्स (28.57 मिलियन डॉलर) शामिल हैं।
बिगड़ते संबंध
पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान व्यापार संबंधों में गिरावट आई। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी सामानों पर आयात शुल्क 200% तक बढ़ा दिया, जिसमें ताजे फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद और खनिज अयस्क शामिल थे। 2017-18 में पाकिस्तान से भारत को 488.5 मिलियन डॉलर का आयात हुआ था। भारत ने पाकिस्तान से एमएफएन (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा भी वापस ले लिया था। उस समय मुख्य रूप से फल और सीमेंट का आयात होता था। 200% शुल्क लगाना वस्तुतः आयात पर प्रतिबंध लगाने के समान है।
भारत ने WTO (विश्व व्यापार संगठन) के सुरक्षा अपवाद प्रावधान का हवाला देकर पाकिस्तान से एमएफएन दर्जा वापस लिया था। दोनों देश इस संगठन के सदस्य हैं। भारत ने 1996 में पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने बदले में ऐसा नहीं किया था। 2017-18 में भारत-पाकिस्तान के बीच कुल व्यापार 2.41 बिलियन डॉलर था, जबकि 2016-17 में यह 2.27 बिलियन डॉलर था। 2017-18 में भारत ने 488.5 मिलियन डॉलर का आयात और 1.92 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था।
(एजेंसी इनपुट सहित)