केंद्रीय बजट 2025: MSME को मिली नयी पहचान, 500 करोड़ तक की फर्म MSME का हिस्सा
मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट में MSME वर्ग के लिए सरकार ने निवेश सीमा को 2.5 गुणा और 2 गुणा बढ़ा दिया है। ये सेक्टर फिलहाल देश के 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है।;
By : Abhishek Rawat
Update: 2025-02-01 10:32 GMT
Union Budget 2025 : मोदी 3.0 सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है। इस बजट को मिडिल क्लास का बजट कहा जा रहा है, इसके साथ ही इसे चुनावी बजट भी कहा जा रहा है क्योंकि इसमें एक ओर मिडिल क्लास को जिस तरह इनकम टैक्स से छूट का एलान किया गया है, उसे दिल्ली चुनाव से जोड़ा जा रहा है जबकि मखाना बोर्ड आदि को बिहार के चुनाव से जोड़ का देखा जा रहा है।
इसके अलावा माध्यम वर्ग के एक और वर्ग का भी सरकार ने ध्यान रखा है, ये है MSME यानी सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए की गयी घोषणा।
क्या घोषणा हुई?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट 2025 पेश करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए नए वर्गीकरण मानदंडों की घोषणा की। सरकार ने निवेश और टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर एमएसएमई को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने और उनके विस्तार में सहायता प्रदान करने का फैसला किया है। इस घोषणा के अनुसार सरकार की तरफ से MSME सेक्टर की निवेश सीमा को 2.5 गुणा और 2 गुणा बढ़ा दिया है। यानी सरकार ने MSME सेक्टर का दायरा और भी बढ़ा कर दिया है।
क्या हैं प्रमुख बदलाव?
सूक्ष्म उद्यम:
निवेश सीमा: 1 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.5 करोड़ रुपये
टर्नओवर सीमा: 5 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 करोड़ रुपये
लघु उद्यम:
निवेश सीमा: 10 करोड़ रुपये से बढ़कर 25 करोड़ रुपये
टर्नओवर सीमा: 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये
मध्यम उद्यम:
निवेश सीमा: 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 125 करोड़ रुपये
टर्नओवर सीमा: 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये
MSME क्षेत्र को होगा बड़ा फायदा
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, "देश में 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत MSME, 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं और भारत के कुल विनिर्माण उत्पादन में 36% का योगदान कर रहे हैं। हमारे निर्यात का 45% इन्हीं उद्यमों से आता है।"
नई नीति से इन उद्यमों को तकनीकी उन्नयन, पूंजी तक आसान पहुंच और बड़े पैमाने पर दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, एमएसएमई को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नए अवसरों और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, जिससे देश का आर्थिक विकास और तेज़ होगा।
सरकार का क्या है लक्ष्य?
- MSME की आर्थिक स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना
- नौकरी के नए अवसर पैदा करना
- निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना
- भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना
सरकार द्वारा MSME वर्गीकरण में किए गए ये बदलाव छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने में सहायक हो सकते हैं। कम ब्याज दरों पर ऋण, डिजिटल इंडिया अभियान के तहत टेक्नोलॉजी सपोर्ट, और आसान कर नीतियों के साथ, यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।