विनट्रैक विवाद और GST, रिश्वत, उत्पीड़न और व्यापारियों की मुश्किलें

विनट्रैक बंदी और GST में गलत वर्गीकरण उद्योगों के लिए चिंता का कारण हैं। ITC समस्याएं, अस्पष्ट नियम और नेक्स्ट-जन सुधारों के बावजूद भ्रम बना हुआ है।

Update: 2025-10-08 02:15 GMT
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1 अक्टूबर को, आयात कंपनी विनट्रैक इंक ने घोषणा की कि वह चेन्नई कस्टम अधिकारियों द्वारा कथित रिश्वत मांग और उत्पीड़न के कारण अपना व्यवसाय बंद कर रही है। इसके तुरंत बाद, वित्त मंत्रालय ने कंपनी पर आयात वस्तुओं के गलत वर्गीकरण का आरोप लगाया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब कंपनी से "दस्तावेज़ी सच्चाई" प्रस्तुत की गई, तो उसने आरोप स्वीकार कर लिया, जबकि मंत्रालय ने जांच का आदेश दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि कई कंपनियाँ टैक्स बोझ कम करने के लिए वस्तुओं का गलत वर्गीकरण करती हैं। इसके अलावा, कुछ वस्तुओं पर अस्पष्ट कर नियम भी गलत वर्गीकरण का कारण बनते हैं।

जीएसटी में लंबित विवाद और देरी

हाल ही में, राष्ट्रीय अखबारों ने बताया कि 4.83 लाख मामले जीएसटी अपीलेट अधिकारियों के पास लंबित हैं। इन मामलों को गुड्स एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (GSTAT) में दर्ज किया जाना है, जो 24 सितंबर को नई दिल्ली में लॉन्च हुआ। अपील दायर करने की समय सीमा अब 30 जून, 2026 तक बढ़ा दी गई है।

केन्द्रीय जीएसटी (CGST) से जुड़े विवाद 10,000 मामलों से बढ़कर FY24 में 22,000 मामलों तक पहुँच गए, जिससे विवादित मांग 22,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.14 लाख करोड़ रुपये हो गई।हालांकि GSTAT को चालू होने में आठ साल लग गए, लेकिन देश के 31 राज्य बेंच में से कोई भी पूरी तरह से कार्यशील नहीं है। मंत्रालय के अनुसार, यह देरी त्रिब्यूनलों की संवैधानिक संरचना पर मुकदमों और GST कानून में 2024 में कई संशोधनों के कारण हुई।

'नेक्स्ट-जन' GST में अस्पष्टताएं

4 अक्टूबर को ऑल इंडिया इसबगोल प्रोसेसर्स एसोसिएशन (IPA) ने इसबगोल की खरीद रोकने की धमकी दी। समस्या की जड़ में फ्रेश और ड्राई इसबगोल के बीच GST दरों का अंतर है। फ्रेश इसबगोल कर-मुक्त है, जबकि ड्राई इसबगोल पर 5% GST लगता है।इसी तरह, कुछ वस्तुओं पर दो अलग GST दरें (0% और 18%) लागू हैं। उदाहरण: HSN-4802 पेपर की विभिन्न श्रेणियों पर अलग-अलग दरें।

इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और उद्योग पर प्रभाव

GST के पुनर्गठन के बाद ITC से जुड़े मुद्दे कई उद्योगों को प्रभावित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए पेंसिल निर्माताओं को ITC का लाभ नहीं मिल रहा। ऑटो डीलर 2,500 करोड़ रुपये उच्च GST के तहत फंसे हुए हैं। कृषि, उर्वरक और वस्त्र क्षेत्र में सुधारों ने समान समस्याएं पैदा की हैं।

सेवा क्षेत्र में अधिक समस्या

HSN-9968 सेवा की दो श्रेणियां और दो कर दरें हैं: (i) स्थानीय वितरण सेवाएं: ITC के साथ 18 प्रतिशत। (ii) इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर (ECO) के माध्यम से स्थानीय वितरण सेवाओं की आपूर्ति: अधिसूचित की जाएगी और 18 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। HSN-9988 सेवा (जॉब वर्क या श्रम की आपूर्ति) की छह श्रेणियां हैं: पांच पर ITC के साथ 5 प्रतिशत GST और छठी पर ITC के साथ 18 प्रतिशत कर लगाया जाता है। HSN-9996 सेवा की तीन श्रेणियां हैं जिनकी अलग-अलग दरें हैं: फिल्म शो में प्रवेश के लिए ITC के साथ 5 प्रतिशत; कैसीनो, रेस क्लब आदि में प्रवेश के लिए ITC के साथ 40 प्रतिशत और रेस क्लबों में सट्टेबाजों के लिए ITC के बिना 40 प्रतिशत।

3 सितंबर को GST पुनर्गठन की घोषणा के बाद से एक महीने से अधिक समय बीत चुका है। कर विशेषज्ञ अश्विनी तनेजा कहते हैं कि जीएसटी की गलत गणना एक अस्पष्ट क्षेत्र है जिसे जीएसटी परिषद को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए क्योंकि इससे भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और विवाद बढ़ते हैं। उनका समाधान है कि पहले शुल्क संरचना को सरल और स्पष्ट बनाएं और फिर इसका दुरुपयोग करने वालों के लिए जेल जैसी कठोर सज़ा का प्रावधान करें।

जीएसटी सलाहकार अनिल शर्मा भी इस बात से सहमत हैं और कहते हैं कि गलत वर्गीकरण और विवाद "स्पष्टता की कमी" के कारण उत्पन्न होते हैं और नीति निर्माताओं की प्राथमिक ज़िम्मेदारी सूक्ष्म स्तर पर चीजों को स्पष्ट करना है। सवाल यह है कि क्या जीएसटी संरचना में सरलता और स्पष्टता की उम्मीद की जा सकती है जो आठ साल और एक अगली पीढ़ी के सुधार से दूर रही है?

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