भारतीय बाजार में प्रतिबंधित चीनी लहसुन की बाढ़, जानें सरकार ने क्यों लगाया बैन

चीन दुनिया में लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक है और चीनी लहसुन विश्व के कई देशों को निर्यात किया जाता है.

Update: 2024-10-02 09:58 GMT

Chinese garlic: चीन दुनिया में लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक है और चीनी लहसुन विश्व के कई देशों को निर्यात किया जाता है. हालांकि, भारत ने साल 2014 में इसके आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. क्योंकि एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी लहसुन में फफूंद लगी हुई है और इसमें कीटनाशकों की मात्रा भी बहुत ज़्यादा है. इसके बावजूद यह उत्पाद भारतीय बाजार में काफी मात्रा में पहुंच रहा है. ऐसे में कर्नाटक में अधिकारियों ने पांच क्विंटल चीनी लहसुन जब्त किया है. इसकी वजह से किसानों और खाद्य विशेषज्ञों में चिंता पैदा हो गई है.

चीन में उगाए गए लहसुन ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों के द्वितीय श्रेणी के शहरों और छोटे शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है. व्यापारियों की शिकायत के बाद उडुपी नगर आयुक्त बी रायप्पा ने एक थोक विक्रेता के यहां छापा मारा और पांच क्विंटल चीनी लहसुन जब्त किया. रायप्पा ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि वह चीनी लहसुन की वैधता सुनिश्चित करने के बाद ही उत्पाद को बाजार में जारी करेंगे. बता दें कि चीनी लहसुन 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. जबकि अधिक स्वास्थ्यवर्धक भारतीय किस्म का लहसुन 250 रुपये प्रति किलोग्राम मिलता है.

किसान परेशान

हालांकि, कई ग्राहक चीनी लहसुन को पसंद करते हैं. यह भी कहा जाता है कि यह बड़ा होता है और इसे छीलना आसान होता है. कर्नाटक के एक थोक व्यापारी मोहम्मद इशाक का कहना है कि चीनी लहसुन भारतीय बाजार में कभी-कभी दिखाई देता है. लेकिन, इससे बाजार में कीमतों का स्तर संतुलित रहता है. लेकिन कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य नहीं है, जहां चीनी लहसुन मिल रहा है.

कोर्ट की फटकार

शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को तलब कर पूछा कि प्रतिबंधित चीनी लहसुन बाजार में कैसे उपलब्ध है. कोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद तंत्र के बारे में भी पूछा. अदालत की यह टिप्पणी वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर याचिका के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि चीनी लहसुन पूरे देश में खुलेआम उपलब्ध है. हालांकि, इसके हानिकारक प्रभावों के कारण इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है.

दो किस्म

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चीनी लहसुन हल्का सफेद या गुलाबी रंग का होता है. जबकि, भारतीय लहसुन सफेद से गुलाबी और हल्के भूरे रंग का होता है. चीनी उत्पाद की सुगंध हल्की होती है. जबकि भारतीय लहसुन की गंध तीव्र तथा स्वाद तीव्र होता है. बता दें कि भारत में 32,27,000 टन लहसुन का उत्पादन होता है, जो चीन से काफी पीछे है, जिसका कुल लहसुन उत्पादन 2.3 करोड़ टन है.

तस्करी

किसानों ने कहा कि चीनी लहसुन के अवैध आयात से भारतीय बाजार पर असर पड़ता है, जिससे विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान प्रभावित होते हैं, जहां भारतीय लहसुन का बड़ा हिस्सा होता है. कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीनी लहसुन नेपाल और बांग्लादेश से भारत में तस्करी करके लाया जाता है.

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