Success Story: एक किसान की बेटी बनी आईएएस अधिकारी, ऑल इंडिया में पाई थी 23वीं रैंक

अपनी इस स्टोरी में आज हम उस किसान की बेटी की कहानी बताने जा रहे हैं. जो लॉ स्टूडेंट होने के बावजूद आईएएस अधिकारी बनी और अपने सफर में में कई उतार-चढ़ाव देखे.

Update: 2024-08-05 05:19 GMT

यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक है. साथ ही इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत सबसे ज्यादा काम आती है. जहां इस परीक्षा के लिए कई अभ्यर्थी पहले ही प्रयास में पास हो जाते हैं, वहीं कई अभ्यर्थी कई प्रयास के बाद भी पास नहीं हो पाते. लेकिन कुछ विफलता के बाद सफलता का मजा लेते हैं. अपनी इस स्टोरी में आज हम उस किसान की बेटी की कहानी बताने जा रहे हैं. जो लॉ स्टूडेंट होने के बावजूद आईएएस अधिकारी बनी और अपने सफर में में कई उतार-चढ़ाव देखे. जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के रहने वाली तपस्या परिहार की.

आपको बता दें, तपस्या परिहार मे यूपीएससी में ऑल इंडिया 23वीं रैंक हासिल की थी और टॉपर्स में अपनी जगह बनाई. तपस्या परिहार का नाम 22 नवंबर, 1992 को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के जोवा गांव में हुआ था. उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की थी. स्कूल की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंडियन लॉ सोसायटी के लॉ कॉलेज पुणे से की पढ़ाई की. लॉ की पढ़ाई करने के दौरान उनके मन में आया कि मुझे यूपीएससी की पढ़ाई करनी चाहिए. फिर उन्होंने इस पढ़ाई की तैयारी करनी शुरु कर दी.

यूपीएससी की परीक्षा के पहले प्रयास में तपस्या परिहार फेल हो गई. वो सिविल सर्विस एग्जाम के प्रीलिम्स में फेल हो गईं थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने दूसरे प्रयास में कड़ी मेहनत की और अपनी लगन के साथ सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया. तपस्या ने दूसरे प्रयास के लिए पढ़ाई शुरू की और एक फॉर्मूला अपनाया और ज्यादा से ज्यादा नोट्स पर फोकस किया. तपस्या परिहार ने अपने पढ़ाई करने का तरीका बदला और सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की. आखिर में तपस्या ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप 23वीं रैंक हासिल की थी. दूसरी परीक्षा उन्होंने साल 2017 में दी थी. तपस्या परिहार की मेहनत रंग लाई और आईएएसी अधिकारी बनी. आपको बता दें, उनके पिता एक किसान है. उनके पिता का नाम विश्वास परिहार है.

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