प्रयागराज से दिल्ली तक छात्रों का विरोध, UPPSC के किस कदम से है नाखुशी

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने पीसीएस के साथ साथ आरओ-एआरओ एग्जाम को दो पालियों में कराने का फैसला किया है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-12 07:22 GMT

UPPSC Exam News: उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग प्रांतीय सेवाओं के लिए हर साल परीक्षा कराता है। लाखों की संख्या में छात्र इसका हिस्सा बनते हैं। लेकिन यही छात्र कलम किताब छोड़ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका यह धरना प्रदर्शन प्रयागराज से लेकर दिल्ली तक है। सवाल यह है कि आखिर छात्रों के विरोध की वजह क्या है। बता दें कि पेपर लीक की वजह से पीसीएस और आरओ-एआरओ की परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया था। यूपीपीएससी ने 5 नवंबर को दोबारा एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी किया और उसे नोटिफिकेशन को लेकर ही पूरी बवाल है। छात्रों को दो शिफ्ट में परीक्षा और नॉर्मलाइजेशन के तरीके से ऐतराज है।

छात्रों की मांग एक दिन एक ही शिफ्ट में परीक्षा करायी जाए। इसके साथ ही नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को भी खारिज किया जाए। इस मांग के बीच विवाद की शुरुआत कहां से होती है उसे समझिए। 1 जनवरी 2024 को लोकसेवा आयोग ने अपर सबऑर्डिनेट यानी पीसीएस के लिए अधिसूचना जारी किया। परीक्षा 17 मार्च 2024 को होनी थी। लेकिन परीक्षा नहीं हुई। 3 जून 2024 को दोबारा नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा की तारीख 27 अक्तूबर की गई। लेकिन फिर परीक्षा नहीं हो सकी। पांच नवंबर को एक बार फिर अधिसूचना जारी किया गया। इन सबके बीच 11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा कराई गई। लेकिन पेपर लीक की वजह से कई केंद्रों पर हंगामा हुआ। एग्जाम को कैंसिल कर दिया गया। इस मामले की जांच एसटीएफ के हवाले की गई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने 6 महीने के भीतर एग्जाम का आश्वासन दिया। लेकिन नतीजा सिफर रहा। इसके साथ यह भी स्पष्ट तौर पर पता नहीं चल सका कि पेपर लीक के लिए जिम्मेदार कौन था। हालांकि कई गिरफ्तारी हुई।

इन सबके बीच 3 जून 2024 को पीसीएस एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया और परीक्षा की तारीख 27 अक्तूबर मुकर्रर की गई। लेकिन 11 दिन पहले यानी 16 अक्तूबर को बताया गया कि परीक्षा स्थगित की गई है। वजह एग्जाम सेंटर में देरी बताया गया। हालांकि दिसंबर के मध्य तक एग्जाम कराने का आश्वासन मिला। इन सबके बीच 5 नवंबर को जो नोटिफिकेशन आया उसमें कहा गया कि पीसीएस 2024 प्रिलिम्स की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो पाली में होगी। पहला सेशन 9.30 से 11.30 और दूसरा 2.30 से 4.30 बजे तक। एग्जाम कुल 41 जिलों में कराया जाएगा। एग्जाम सेंटर की कमी का हवाला देकर आयोग ने दो दिनों में एग्जाम कराने का तर्क दिया है। 

इसी तरह से आरओ-एआरओ की परीक्षा 22-23 दिसंबर दो पाली में कराये जाने का निर्णय है। पहली पाली 9 से 12 और दूसरी पाली 2.30 से 5.30 तक है। इसके साथ ही 23 दिसंबर को तीसरी पाली 9 से 12 तक है। इसमें 19 जून के आदेश का हवाला है कि अगर परीक्षार्थियों की संख्या 5 लाख से अधिक होने का जिक्र है। आयोग का कहना है कि पीसीएस 2024 और आरओ-एआरओ 2023 की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया का पालन होगा। हां जो फॉर्मूले इस्तेमाल में लाया जाएगा उसे सार्वजनिक किया गया है। लेकिन छात्रों की इस प्रक्रिया से ऐतराज है। इस फॉमूले को आप ऐसे समझिए। मान लीजिए कि किसी छात्र को 80 फीसद नंबर मिले हैं और 80 फीसद से कम स्कोर करने वालों की संख्या 10000 है जबकि उस समूह में कुल 18000 छात्र थे तो पर्सेंटाइल निकालने का तरीका 100x10000 को 18 हजार से भाग दिया जाएगा और जो नतीजा आएगा वो पर्सेंटाइल होगा।

अब शिफ्ट और नॉर्मलाइजेशन का रिश्ता क्या है। मान लीजिए दो शिफ्ट ए और बी है। शिफ्ट ए का पेपर आसान और बी का थोड़ा कठिन है। शिफ्ट में ए में औसतन 150 में से छात्र 120 नंबर हासिल किए हैं, वहीं शिफ्ट बी में 100 नबंर है तो नार्मलाइजेशन के जरिए शिफ्ट बी के छात्रों का नंबर बढ़ाया जाएगा। ताकि दोनों शिफ्ट के नंबर को समान पैमाने पर लाकर फिर तुलना की जाए। अब इस सूरत में अच्छे छात्र या बेहतर तैयारी करने वाली परीक्षा से बाहर निकल जाएंगे।

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