Babil Khan की Logout: जब अभिनय बन गया आत्म-खोज का सफर

हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में अभिनेता बाबिल खान ने खुलकर बताया कि उनकी आने वाली फिल्म लॉगआउट ने उन्हें एक अभिनेता के तौर पर अपनी काबिलियत का एहसास कराया.;

Update: 2025-04-16 13:21 GMT

लॉगआउट में बाबिल एक ऐसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की भूमिका में हैं. जो ऑनलाइन दुनिया में बहुत पॉपुलर है, लेकिन असल जिंदगी में अपनी पहचान और आत्म-संतुलन खो चुका है. ये फिल्म उन सवालों को उठाती है जो हम सबके मन में कहीं न कहीं आते हैं. क्या सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स हमारी असली पहचान हैं? क्या हम अपनी असली भावनाओं को छुपा कर सिर्फ दिखावे की दुनिया में जी रहे हैं?

बाबिल के लिए क्यों थी ये फिल्म खास?

बाबिल ने इंटरव्यू में कहा कि इस फिल्म की शूटिंग उनके लिए अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज थी. पूरी फिल्म में वो लगभग अकेले स्क्रीन पर दिखाई देंगे. कोई को-एक्टर नहीं, कोई संवाद अदला-बदली नहीं. सिर्फ एक लैपटॉप और हेडफोन ही उनके साथी थे. उन्होंने कहा, पहली बार ऐसा हुआ कि मैं रिएक्ट नहीं कर रहा था, बल्कि मुझे सच में खुद से एक्ट करना पड़ा. मैं सिर्फ अपने इमेजिनेशन पर निर्भर था.

ये अनुभव उनके लिए एक गहरी कलाकारिक यात्रा बन गया. सोशल मीडिया को लेकर बदला नजरिया. फिल्म की थीम ने बाबिल को व्यक्तिगत रूप से भी प्रभावित किया. उन्होंने बताया कि एक समय था जब वो सोशल मीडिया पर दिखावे को लेकर लोगों को जल्दी जज करते थे. क्यों कोई सिर्फ 'लाइक' पाने के लिए खुद को बदल देता है? लेकिन फिल्म ने उनके नजरिए को बदल दिया. अब वो मानते हैं कि हर किसी के पीछे कोई न कोई गहरी वजह होती है और हमें लोगों को जज करने की बजाय समझने की कोशिश करनी चाहिए. अब मैं ये सोचने लगा हूं कि हम सोशल मीडिया पर इतना क्यों टिके रहते हैं? हम किस चीज़ की तलाश में हैं प्यार? अपनापन? या बस एक पल की सराहना?

एक कलाकार के रूप में नया मोड़

लॉगआउट सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि बाबिल के लिए एक ट्रांसफॉर्मेशन का अनुभव था. एक ऐसा मोड़ जिसने उन्हें न सिर्फ बेहतर अभिनेता, बल्कि एक बेहतर इंसान बनने में मदद की. 

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